विंडीज जैसी कमजोर टीम के सामने रविवार को टीम इंडिया के धुरंधरों ने जिस तरह से हथियार डाल दिए, वह क्रिकेट फैन्स के साथ-साथ एक्सपर्ट्स को भी हजम नहीं हो रहा है. यहां तक कि टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ भी टीम की घटिया और लापरवाही भरी बल्लेबाजी से खासे ‘नाराज’ हैं. हालांकि उन्होंने विकेट धीमा होने की बात स्वीकार की, लेकिन कहा कि हम इससे बेहतर खेल सकते थे. गौरतलब है कि विंडीज के सामने टीम इंडिया 190 रन का छोटा लक्ष्य भी नहीं हासिल कर पाई और 11 रनों से मैच हार गई. पांच मैचों की सीरीज में टीम इंडिया अब भी 2-1 से आगे है, लेकिन उसने विंडीज को सीरीज में बराबरी का मौका दे दिया है…
भारतीय बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने कहा कि पिच बेहद धीमी थी और शॉट लगाना आसान नहीं था, लेकिन हम इससे नहीं बच सकते कि बल्लेबाजों की वजह से हम हारे हैं. टीम इंडिया के सामने 190 रन का लक्ष्य था, लेकिन एंटीगा की मुश्किल पिच पर पूरी टीम 178 रन पर आउट हो गई.
संजय बांगड़ ने कहा, यह (पिच) लगातार धीमी होती गई और शॉट लगाना वास्तव में आसान नहीं था. हमने अब तक यहां जो विकेट देखे हैं उनकी प्रकृति ऐसी ही रही है. फिर भी हम वास्तव में अपनी क्षमता के अनुरूप बल्लेबाजी नहीं कर पाए. यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता था. मेरा मानना है कि बल्लेबााजें की वजह से हम यह मैच हारे.’
परिस्थितियों से वाकिफ थे, फिर भी…
गौरतलब है कि तीसरे वनडे में भी पिच लगभग ऐसी ही थी, लेकिन टीम इंडिया ने पहले बैटिंग की थी और 250 से अधिक लक्ष्य खड़ा कर लिया था. बाद में उसने विंडीज का हरा दिया था. बांगड़ ने तीसरे मैच का भी जिक्र किया और कहा कि टीम इस तर की स्थितियों से वाकिफ थी. फिर संभल नहीं पाई.
उन्होंने कहा, ‘पिछले मैच में भी हमारा इस तरह की परिस्थितियों से पाला पड़ा था जब हमने पहले दस ओवरों में दो विकेट गंवा दिये थे लेकिन तब भी हम इस तरह के विकेट पर 260 रन बनाने में सफल रहे थे. हम ऐसे विकेटों पर खेल रहे हैं जिन पर खेलना आसान नहीं है.’
बांगड़ ने कहा, ‘श्रेय उन्हें (वेस्टइंडीज) जाता है. उन्होंने अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल किया. यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता था.’
धोनी का किया बचाव…
कोच बांगड़ ने बल्लेबाजी रणनीति को लेकर कहा कि उनका उद्देश्य था कि कोई एक बल्लेबाज अंत तक खेले. तभी अंजिक्य रहाणे ने 91 गेंदों पर 60 और महेंद्र सिंह धोनी ने 114 गेंदों पर 54 रन बनाए. बांगड़ ने हालांकि अन्य खिलाड़ियों की तरह धोनी का भी बचाव किया, जिनकी धीमी बल्लेबाजी के लिए आलोचना हो रही है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी रणनीति थी कोई आखिर तक एक छोर संभाले रखे. अंजिक्य ने आउट होने से पहले यह भूमिका निभाई. जब हम अच्छी स्थिति में थे तभी हमने दो विकेट गंवा दिए. बीच के ओवरों में ये विकेट गंवाने से हम वास्तव में बैकफुट पर चले गए. इसके बाद रन रेट लगातार बढ़ता रहा.’
विंडीज सीरीज का अंतिम मैच गुरुवार को खेला जाएगा और इसी मैच से सीरीज विजेता का फैसला होगा. टीम इंडिया जहां उस जीतकर सीरीज जीतना चाहेगी, वहीं विंडीज के पास बराबरी करने का मौका है…