मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सबसे बड़ा धर्म जरूरतमंद की सेवा है। मदद के अच्छे कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिये। अच्छे कार्यों की जानकारियाँ लोगों को प्रोत्साहित करेंगी। इससे अच्छाई को मजबूती मिलेगी। समाज में सकारात्मक वातावरण बनेगा। श्री चौहान आज समन्वय भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा प्रभाग की वेबसाईट ‘सेवा गाथा’ का लोकार्पण कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय चिंतन सारे विश्व को परिवार मानता है। एक ही चेतना सभी प्राणियों में देखता है। स्वयंसेवक संघ ऐसा ही विशाल हृदय वाला राष्ट्रवादी संगठन है। यह संगठन समाज के लिये जीने वाले नागरिकों का निर्माण करता है। सेवा के संकल्प में सर्वस्व अर्पित कर, समाज को रोशन करने का कार्य, इसके स्वयंसेवक करते हैं। उन्होंने मातृ छाया, आनंद धाम आदि सेवा कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहाँ के रहवासियों का स्वावलंबी और समरस जीवन देख आत्मिक आनंद की प्राप्ति होती है। ऐसे कार्यों का व्यापक प्रचार–प्रसार किया जाना चाहिये। इससे नैराश्य का भाव दूर होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वेबसाइट से समाज को अच्छे कार्यों की प्रेरणा और नई ऊर्जा मिलेगी।
संघ के सरकार्यवाह श्री सदाशिव सुरेश जोशी भैय्या जी ने कहा कि भारतीय जीवन-शैली में सेवा का संस्कार रचा-बसा है। यहाँ मानव सेवा ईश्वर की सेवा मानकर की जाती है। उन्होंने कहा कि सेवा कार्य निश्चित धारणा के साथ नहीं हो सकता है। इसके लिये दृष्टि और संवेदनशील विचारधारा की जरूरत है। बंधु भाव के साथ जरूरतमंद की पीड़ा, वेदना और दुर्बलता को समझ सेवा कार्य किया जाना चाहिये। इस भावना के साथ किये गये कार्यों के परिणाम सदैव अच्छे होते हैं। उन्होंने कहा कि गलत सामाजिक मान्यताओं से पीड़ित, अस्थिर जीवन शैली और दूरस्थ अंचलों में रहने वालों का एक बहुत बड़ा ऐसा वर्ग है, जो अपने मौलिक सामाजिक अधिकारों से वंचित है। उनमें बेहतर जीवन का आत्म-विश्वास जगाने के लिये समाज को विचार करना होगा। सामाजिक प्रश्नों के हल समाज को ही खोजने होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वेबसाइट की गाथाएँ, सेवा कार्य के लिये लोगों को आगे आने के लिये प्रेरित करेंगी।
अतिथियों का स्वागत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संचालक मध्य भारत श्री सुरेश पिंपलीकर ने किया। आभार प्रदर्शन सह प्रांत संचालक मध्य भारत श्री अशोक पांडे ने किया।
सेवा गाथा वेबसाइट की संपादक श्रीमती विजय लक्ष्मी ने गाथाओं के संकलन, वेबसाइट के स्वरूप और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। वेबसाइट सृजक श्री स्वप्निल पारखिया ने तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मोबाइल फ्रेंडली होने के साथ ही फेसबुक और ट्वीटर पर शेयर भी की जा सकेगी।