राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा कि यह चुनाव देश की धर्मनिरपेक्षता के संरक्षण की विचारधारा की लड़ाई है और सभी विधायक एवं सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस चुनाव में उन्हें वोट दें.
मीरा ने प्रदेश विपक्षी पार्टियों सपा, बसपा, राष्ट्रीय लोकदल इत्यादि से समर्थन जुटाने के लिए अपने लखनऊ दौरे के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि देश की धर्मनिरपेक्षता तथा पंथनिरपेक्षता वाली विचारधारा पर पिछले कुछ वर्षों के दौरान लगातार कुठाराघात किया जा रहा है. देश में मनुवादी व्यवस्था को फिर से थोपने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि इसलिए विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बनाया है ताकि गरीबों, मजलूमों और कमजोरों को यह महसूस हो कि उनकी आवाज को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठाया जा रहा है.
मीरा ने कहा, “मैंने देश के सभी सांसदों और विधायकों से यह अपील की है कि वह अपनी आत्मा की आवाज सुनकर देश के हित और उसके भविष्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति चुनाव में मेरा समर्थन करें.’
मीरा ने कहा कि भारत में आठ प्रमुख धर्म हैं. हमें और हमारी पिछली पीढ़ियों को यह सोच विरासत में मिली है कि हम सभी मिलकर रहें और हमारे बीच घृणा और वैमनस्य ना पैदा हो. हम दूसरे के धर्म का भी सम्मान करें. भारत बहुत सी संस्कृतियों का देश है इसे एकता के सूत्र में पिरोकर रखना जरूरी है.
मीरा ने कहा कि विपक्ष ने उन पर विश्वास जताया है. इसके लिए वह उसे धन्यवाद करती हैं. विपक्ष की यह एकता विचारधारा पर आधारित है.
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश से उनका गहरा नाता है. वर्ष 1985 में जब वह सार्वजनिक जीवन में आईं तो सबसे पहले इसी राज्य की बिजनौर सीट से सांसद बनी थीं. इसके अलावा कानपुर उनका ननिहाल है और यहां आकर उन्हें हमेशा खुशी मिलती है.