टीम इंडिया के नए कोच रवि शास्त्री ने खिलाड़ियों को तनावरहित माहौल देने और श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने का इरादा जताया है. उनका यह अंदाज,अपने पूर्ववर्ती कोच अनिल कुंबले के काम करने के तरीके से एकदम उलट माना जा रहा है. नए कोच ने कहा कि उनका खिलाड़ियों का ‘ट्यूटर’ बनने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि ये सभी सदस्य शीर्ष स्तर के क्रिकेट के लिहाज से स्थापित हैं. समाचार एजेंसी रायटर्स ने अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से रवि शास्त्री का यह बयान प्रकाशित किया. उन्होंने कहा कि यह मामला खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और मानसिक तौर पर उनकी मजबूती से जुड़ा हुआ है. शास्त्री की मंशा खिलाड़ियों को उनकी शैली के खेल के लिहाज से आगे बढ़ाने पर होगी.
टीम इंडिया के नए कोच ने कहा कि वे हर मामले में युवा प्लेयर्स के ‘ट्यूटर’ के रोल में आते हुए ‘यह करें और यह नहीं करें’ की शैली में काम करने पर यकीन नहीं रखते. वैसे भी उच्च स्तरीय क्रिकेट में कोचिंग की बहुत कम गुंजाइश होती है. यह प्रभावी संवाद और खिलाड़ियों के मार्गदर्शन और उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने से जुड़ा होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व कोच अनिल कुंबले के साथ उनका हेडमास्टर की तरह का व्यवहार बड़ा मुद्दा था. इसे लेकर कप्तान विराट कोहली और अन्य खिलाड़ियों को ऐतराज था.
कुंबले ने टीम इंडिया की चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हार के तुरंत बाद कोच पद से इस्तीफा दे दिया था. यहां तक कि वे वेस्टइंडीज के दौरे में भी टीम के साथ नहीं गए थे. बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा ट्वीट करते हुए कहा था कि वे पद इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि उनकी कार्यप्रणाली पर कप्तान विराट कोहली को आपत्ति है. शास्त्री को नाटकीयता भरे घटनाक्रम के बाद मंगलवार को टीम इंडिया का कोच नियुक्त किया था. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पहले उन्हें कोच नियुक्त किए जाने संबंधी खबरों का खंडन किया था. देर रात उन्हें कोच नियुक्त किए जाने की पुष्टि की गई थी.