Home राष्ट्रीय क्या 2019 में बन पाएगा ‘महागठबंधन’?…

क्या 2019 में बन पाएगा ‘महागठबंधन’?…

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देश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई एनडीए के बढ़ते जनाधार को देखते हुए कई विपक्षी नेताओं के सामने अस्तित्व का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में विपक्षी दलों के नेता कांग्रेस के नेतृत्व में महागठबंधन बनाने की तैयारी में हैं. हालांकि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के कई बड़े नेता एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का साथ देने की बात कर चुके हैं, ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या 2019 लोकसभा चुनाव से पहले क्या विपक्ष महागठबंधन बना पाएगा? पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक और अब उत्तर प्रदेश की राजनीति के कद्दावर चेहरा मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव ने रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का मन बना लिया है. वोटों के गणित के हिसाब से विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार वैसे ही पिछड़ती दिख रही हैं, वहीं विपक्ष के इन कद्दावर नेताओं के पाला बदलने के चलते उनकी दावेदारी और भी कमजोर होती दिख रही है.

mulayam singh yadav
 राष्ट्रपति चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) में रार एक बार फिर जाहिर हो सकती है. सपा संस्थापक सांसद मुलायम सिंह यादव और उनके विधायक भाई शिवपाल सिंह यादव के ‘पार्टी लाइन’ से हटकर भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान करने की प्रबल सम्भावना है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों की उम्मीदवार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के समर्थन का ऐलान कर चुके हैं और लखनऊ के दौरे पर आयी मीरा ने इस सिलसिले में अखिलेश से मुलाकात भी की. मुलायम कोविंद को पहले ही ‘मजबूत और अच्छा उम्मीदवार’ बताते हुए उनसे अपने मधुर सम्बन्ध जता चुके हैं. उन्होंने पिछली 20 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से दिये गये रात्रि भोज में शिरकत करके राष्ट्रपति चुनाव में कोविंद का ही समर्थन करने के स्पष्ट संकेत दिये थे, जबकि अखिलेश और बसपा मुखिया मायावती इस रात्रिभोज में शरीक नहीं हुए थे.

अखिलेश के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी उनके विधायक चाचा शिवपाल भी मुलायम का अनुसरण करने का खुला एलान कर चुके हैं. उनका कहना है ‘नेताजी (मुलायम) जो कहेंगे, वहीं होगा.’ शिवपाल के वफादार कहे जाने वाले दीपक मिश्र ने कोविंद के खुले समर्थन का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री को उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर बधाई दी थी. हालांकि मिश्र किसी सदन के सदस्य नहीं हैं.

ram nath kovind meera kumar

मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल आगामी 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. नये राष्ट्रपति का चुनाव 17 जुलाई को होना है.

मालूम हो कि पिछले साल सितम्बर में अखिलेश को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद पार्टी में ‘शह और मात का खेल’ शुरू हो गया था. मुलायम द्वारा प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये शिवपाल इस खेल में अखिलेश के प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरे थे.

हालांकि गत एक जनवरी को सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम को पार्टी का ‘सर्वोच्च रहनुमा’ बनाते हुए उनके स्थान पर अखिलेश को सपा का अध्यक्ष बना दिया गया था, जबकि शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. उसके बाद से पार्टी में दो फाड़ नजर आ रहे हैं.

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