Home राष्ट्रीय निठारी कांड : सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को फांसी….

निठारी कांड : सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को फांसी….

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निठारी रेप और मर्डर केस के दोषी मोनिंदर सिंह पढेर और उसके सर्वेंट सुरेंद्र कोली को यहां की सीबीअाई स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। शनिवार को उन्हें 20 साल की पिंकी सरकार का किडनैप करने, रेप करने और फिर उसकी हत्या कर देने का दोषी ठहराया गया था। यह मामला 2006 का है। साइंटिफिक फैक्ट्स से साबित हुआ किडनैप…

– सीबीआई जज पवन कुमार तिवारी की कोर्ट ने प्रॉसिक्यूटर के वकील जेपी शर्मा की दलीलों पर गौर किया। शर्मा ने कोर्ट से कहा था कि साइंट‍िफिक कि फैक्ट्स से ये साबित हो चुका है कि कोली ने युवती काे क‍िडनैप क‍िया। उसके साथ रेप क‍िया और फिर उसकी हत्या कर दी। उसने सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी की।
16 केस में चार्जशीट दाखिल हुईं, 9 में हुई सजा
– इस केस से जुड़े 19 अलग-अलग मामले थे, जिनमें से 16 मामलों में पुलिस ने पंढेर और कोली के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। सबूत न होने की वजह से तीन मामलों को बंद कर दिया गया था।
– पिंकी सरकार केस समेत 9 मामलों में दोनों को सजा सुनाई जा चुकी है। 7 में अभी सुनवाई चल रही है।
– पिछले सभी मामलों में पंढेर को जेल की सजा सुनाई गई थी। यह पहला केस है, जिसमें उसे फांसी की सजा सुनाई गई है। हालांकि, कोली को सभी 9 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई है।
क्या है पूरा मामला?
– घटना 5 अक्टूबर 2006 की है। विक्टिम पिंकी सरकार नोएडा के निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के सामने से गुजर रही थी, तभी कोली ने उसे अगवा कर लिया। उसके साथ रेप किया गया फिर कोली ने उसकी हत्या कर दी। सिर काटकर पंढेर के घर के पीछे फेंक दिया। सीबीआई ने विक्टिम की खोपड़ी बरामद कर ली थी।
– खोपड़ी का डीएनए विक्टिम के माता-पिता के डीएनए से मैच हो गया था। कोली के पास बरामद विक्टिम के कपड़ों की पहचान भी उसके माता-पिता ने की थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पंढेर इस पूरी आपराधिक साजिश में शामिल था।
– पुलिस ने 29 दिसंबर 2006 को नोएडा के निठारी स्थित पंढेर के घर के पीछे नाले से 19 कंकाल बरामद किए थे। इनमें ज्यादातर बच्चों के थे।
– जांच में पता चला कि पंढेर और कोली बच्चों को और युवतियों को अगवा करके उनसे रेप करते, फिर उन्हें मार देते थे।
कैसे सामने आया मामला?
– 7 मई 2006 को पायल नाम की एक लड़की रिक्शे से पंढेर के घर आई। उसने रिक्शेवाले को लौटकर पैसे देने को कहा।
– काफी देर तक जब वो नहीं लौटी तो रिक्शेवाले ने कोठी का दरवाजा खटखटाया। वहां कोली ने उसे बताया कि पायल वहां से जा चुकी है। रिक्शेवाले ने कहा कि वह यहीं खड़ा था, पायल बाहर नहीं आई।
– यह बात पायल के माता-पिता को पता चली तो उन्होंने बेटी के लापता होने की एफआईआर दर्ज करवाई।
– पुलिस को पता चला कि पायल के पास एक मोबाइल था, जो स्विच ऑफ बता रहा था। पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल निकाली और इससे मिले सुराग के आधार पर पंढेर की कोठी पर छापा मारा। पुलिस को यहां से बच्चों की हड्डियां और अंग मिले तो इस कांड का खुलासा हुआ।
– यह भी पता चला कि निठारी के आसपास की झुग्गियों से कई बच्चे लापता हुए थे, लेकिन परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी।

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