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मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भोक्टू में 220 के.वी. विद्युत उप केन्द्र का किया लोकार्पण….

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किन्नौर जिला के जंगी और लिप्पा गांवों के लोगों को जंगी-1 कूहल के पानी के बंटवारे के विवाद को आपसी सहयोग से सुलझाना चाहिए। लिप्पा गांव के लोग जंगी के लिए सिंचाई के उद्देश्य से कूहल को अपनी जमीन से न गुजरने देने पर अड़े हुए हैं और इस कारण जंगी की पूरी जनसंख्या इस सुविधा से वंचित हो रही है। दोनों गांव के लोगों को इस विवाद का परस्पर सहमति से समाधान निकालना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह आज लिप्पा में 6.20 करोड़ रुपये की लागत से लिप्पा-असरंग सम्पर्क सड़क के चरण-दो की मैटलिंग के शिलान्यास के उपरांत लिप्पा में आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका हमेशा यह विश्वास रहा है कि सभी क्षेत्रों का समान विकास हो और सभी इससे लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि प्रदेश के लोग विकास कार्यों का बराबर लाभ उठाएं और हमें एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए न कि केवल अपने ही हितों के बारे में सोचना चाहिए।

उन्होंने काशंग कूहल के तटीकरण के भी निर्देश दिए, जिसका कार्य अब पूर्ण हो चुका है ताकि प्रत्येक खेत तक पानी पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि 12 करोड़ रुपये की लागत की काशंग कूहल का कार्य पूर्ण हो गया है और रारंग व साथ लगते अन्य गांवों को सिंचाई के लिए अब आसानी से पानी उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए छोटी कूहलें बनाई जाएंगी और यदि संभव हुआ तो लोगों को (ड्रिप) टपक सिंचाई प्रणाली अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार टपक सिंचाई के लिए अनुदान उपलब्ध करवा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्बन्धित अधिकारियों को योजना प्रक्रिया आरम्भ करने से पूर्व लोगों के साथ विकास से सम्बन्धित मामलों पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि योजना का निर्माण जमीनी स्तर पर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को गांव व दूरदराज क्षेत्रों में जाना चाहिए और लोगों के साथ समस्याओं पर चर्चा करने के उपरांत विकास की योजना तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं का निर्माण जमीनी स्तर पर किया जाना चाहिए न कि कार्यालय में बैठ कर। उन्होंने कहा कि ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों के विकास के मामले पर हमें इनवटिड पिरामिंड फार्मूला अपनाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 से 2018 के लिए वन अनुमति अधिनियम को निलम्बित किया गया है ताकि जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को नौ तोड़ उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि वह स्वयं नौ तोड़ वितरण की प्रक्रिया का अनुश्रवण कर रहे हैं और प्रशासन को न केवल नौ तोड़ वितरण, बल्कि उनके नाम राजस्व रिकार्ड में भी दर्ज करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में प्रशासन को तेजी लाने के निर्देश दिए गए है।

श्री वीरभद्र सिंह ने अकपा व जंगी में जनसभा को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री का लिप्पा जाते समय स्पीलो व रिकांगपिओं में लोगों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने सिंचाई के लिए टपक सिंचाई प्रणाली अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में छोटी कूहलों के माध्यम से खेतों में पहुंचे पानी से भू-क्षरण होने का भय रहता है, जबकि इन क्षेत्रों में रेतीली भूमि के लिए टपक सिंचाई प्रणाली सबसे बेहतर है।

मुख्यमंत्री ने लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस ही विकास को आगे ले जा सकती है और लोगों के कल्याण को सुनिश्चित बना सकती है। उन्होंने लोगों से भाजपा के झूठे वायदों के बहकावे न में आने को कहा।

उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले में शायद ही कोई गांव सड़क सुविधा से वंचित होगा और अब इन सड़कों को मैटलिंग करने की आवश्यकता है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों के रख-रखाव के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अकपा में 8.34 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 66 के.वी विद्युत उप केन्द्र का लोकार्पण किया। इस केन्द्र के आरम्भ होने से ऊपरी किन्नौंर व स्पीति जिला के 54 गांव की 37 हजार जनसंख्या लाभान्वित होगी।

उन्होंने पूह में 23 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 66 के.वी. विद्युत उप केन्द्र की आधारशिला की भी घोषणा की। पूह उप केन्द्र के बन जाने से क्षेत्र की पूह व स्पीति क्षेत्र की 25 पंचायतों के 42 गांवों की 17 हजार जनसंख्या लाभान्वित होगी।

उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि काजा व पिन घाटी के लिए विद्युत खम्बों को खड़ा करने व विद्युत केवल (तारें) बिछाने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी हो, ताकि क्षेत्र के लोगों की लम्बित मांग पूरी हो सके और लोगों को कम वोल्टेज की समस्या से निजात मिलने के साथ-साथ निर्बाध विद्युत आपूर्ति भी उपलब्ध हो सके।

उन्होंने ग्राम पंचायत स्पीलो के यतांग-खरगा के लिए 2.76 करोड़ रुपये की सिंचाई योजना जीर्णोंद्धार की भी आधारशिला रखी।

मुख्यमंत्री ने रिकांगपिओ में 1.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट का भी शुभारम्भ किया। इस प्लांट को राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक फेडरेशन द्वारा चलाया जा रहा है। इन सभाओं के कुल दूध उत्पादक लाभार्थियों की संख्या 42 हजार है। प्लांट क्षमता 5000 लीटर प्रतिदिन की है और दूध इकट्ठा करने के लिए चांगों व शालखर में 18 समितियों का गठन किया गया है। इन 18 समितियों को 18 हजार रुपये प्रति गांव डेयरी सहकारी सभा के लिए प्रबन्धकीय सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने भोक्टू में हि.प्र. विद्युत संचरण निगम लिमिटेड के 45 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 220 के.वी. विद्युत उप केन्द्र का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने 2.91 करोड़ रुपये की लागत से कोठी गांव के लिए मल निकासी प्रणाली की भी आधारशिला रखी।

मुख्यमंत्री ने सांगला में 1.11 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले पुलिस थाना भवन की भी आधारशिला रखी।

विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री जगत सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने अन्यों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों, जिनके पास 20 बीघा से कम जमीन है, को भी नौतोड़ देने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की भी जानकारी दी। उन्होंने किन्नौर जिले में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए विकास कार्यों बारे भी जानकारी दी।

जिला कांग्रेस समिति किन्नौर के अध्यक्ष श्री उमेश नेगी, पूह खंड कांग्रेस समिति के अध्यक्ष श्री दया कृष्ण नेगी, जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्या श्री निर्मल सिंह नेगी, किनफेड के अध्यक्ष चन्द्रगोपाल, टीएसी के सदस्य श्री प्रेम कुमार, किन्नौर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप नेगी, कांग्रेस के सदस्य आचार्य रोशन लाल नेगी, उपायुक्त श्री एन.के. लट्ठ , हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के महाप्रबन्धक श्री पी.सी. नेगी, चीफ इंजीनियर अशोक चैहान व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

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