ईस्ट एम.सी.डी. ने हर प्रॉपर्टी को यू.पी.आई.सी. (यूनिक प्रॉपर्टी आईडेंटिफिकेशन कोड) नंबर जारी करने की तैयारी पूरी कर ली है। इस प्रोजक्ट को शुरू करने में ईस्ट एम.सी.डी. करीब एक साल देरी कर चुकी है। इस देरी की वजह फंड की कमी को बताया जा रहा है।
2 साल में पूरी होगी प्रक्रिया
इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। चयनित कंपनी ईस्ट एम.सी.डी. के लिए प्रॉपर्टी सर्वे और प्रॉपर्टी टैक्स मैनेजमेंट तैयार करेगी। यह प्रक्रिया कंपनी अगले दो साल में पूरी करेगी। इस काम के लिए ईस्ट एम.सी.डी. के कमिश्नर मोहनजीत सिंह नोडल ऑफिसर होंगे।
डोर टु डोर सर्वे किया जाएगा
जानकारी के अनुसार, ईस्ट एम.सी.डी. में 4.6 लाख प्रॉपर्टी हैं। प्रॉपर्टी को टैक्स के दायरे में लाने के लिए यह प्रोजक्ट करीब दो साल पहले तैयार किया गया था। इस सर्वे में हर प्रॉपर्टी को यू.पी.आई.सी. जारी किया जाएगा। इसके लिए डोर टु डोर सर्वे किया जाएगा। इसके लिए जी.पी.एस. आधारित डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें हर प्रॉपर्टी का एरिया, उसके फ्लोर, प्रॉपर्टी का खाली हिस्सा, एनुअल वैल्यू का भी पता किया जाएगा। इस सर्वे में रेजिडेंशल, कमर्शल, इंडस्ट्रियल, इंस्टिट्यूशनल, गवर्नमेंट, खाली प्लॉट, बिल्डिंग सभी को शामिल किया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस तैयार किया जाएगा
इस सर्वे के साथ ही हर प्रॉपर्टी का इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया जाएगा। इसमें ऑटोमैटिक एस.एम.एस., टेलीकॉलिंग और ई-मेल जैसे फीचर होंगे। उपभोक्ताओं को पेमेंट स्टेटस की जानकारी रियल टाइम बेसिस पर उपलब्ध हो सकेंगी।
सर्वे में शामिल हो चुकी प्रॉपर्टी की पहचान के लिए उस प्रॉपर्टी पर एक मेटल प्लेट लगाई जाएगी। इस मेटल प्लेट पर यू.पी.आई.सी. नंबर, ईस्ट एम.सी.डी. का लोगो, नाम और पता लिखा होगा। इसके बाद टैक्स पेयर को यू.पी.आई.सी. स्मार्ट कार्ड मिलेगा। ई-प्रॉपर्टी टैक्स पासबुक जनरेट भी होगी।