बीजिंग में ब्रिक्स देशों के एनएसए लेवल की मीटिंग से पहले एक बार फिर चीन ने भारत को गतिरोध खत्म करने के लिए सेना हटाने की धमकी दी है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दावा किया है कि भारत ने चीनी क्षेत्र में घुसने की बात स्वीकार की है और इस गतिरोध का समाधान निकालने के लिए उसे डोकलाम क्षेत्र से अपने जवानों को ईमानदारी से वापस बुलाना चाहिए.
बैंकॉक में वांग यी ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच चल रही तनातनी पर कहा कि क्या सही है और क्या गलत ये एकदम साफ है. उन्होंने कहा ”भारतीय अधिकारियों ने खुले तौर पर चीनी सेना के भारतीय क्षेत्र में न आने की बात कबूली.”
चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर मंगलवार को पोस्ट किए गए संक्षिप्त बयान में उन्होंने कहा, दूसरे शब्दों में भारतीय सेना ने चीनी क्षेत्र में घुसने की बात स्वीकार की. इस समस्या का समाधान बेहद आसान है, भारत ईमानदारी से अपनी सेना को वापस बुलाए.
तिब्बत के दक्षिणी छोर पर यह गतिरोध शुरू हुआ। चीनी सेना ने विवादित इलाके में सड़क निर्माण की कोशिश की, जिसके बाद भारत के सहयोगी देश भूटान ने भी इस इलाके पर अपना दावा जताया। भारत ने कहा कि भूटान, चीन और भारत की सम्मिलित सीमा के समीप यथास्थिति बदलने के लिए चीन की एकतरफ़ा कार्रवाई से भारत की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है।
बता दें कि 27-28 जुलाई चीन के बीजिंग में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक होने जा रही है. इससे पहले चीन ने एक बार फिर अपना पुराना स्टैंड दोहरा दिया. वहीं चीन ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर भी निशाना साधा है. चीन ने आरोप लगाया है कि डोकलाम में सीमा विवाद के पीछे डोभाल का ही दिमाग है.