फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की समीक्षा समिति से फिल्म ‘इंदु सरकार’ को मंजूरी दिए जाने के ठीक बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदु सरकार’ की रिलीज पर रोक लगाने के लिए एक महिला की ओर से दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया था. इस महिला ने खुद को संजय गांधी की बायोलॉजिकल डॉटर बताते हुए फिल्म को लेकर आपत्ति जताई थी. वो भी ऐसे समय में जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पास कर दिया है.
अदालत ने कहा था कि फिल्म के निर्माता ने इस बात का डिस्क्लेमर दे दिया है कि फिल्म की कथावस्तु और किरदार का किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है और फिल्म की कहानी काल्पनिक है. अदालत ने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता ने फिल्म में संजय गांधी के चित्रण को लेकर आपत्ति उठाई है, लेकिन उनका संजय गांधी के साथ रिश्ता ही सवालों के घेरे में हैं. ‘इंदु सरकार’ के निर्देशक मधुर भंडारकर के वकील ने भी कहा कि प्रिया पॉल, संजय गांधी के साथ किसी रिश्ते को लेकर कोर्ट में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई हैं. प्रियंका पॉल को इस बात पर आपत्ति रही कि मधुर ने फिल्म में जो 30 प्रतिशत सीन्स वास्तविक बताएं हैं, उन्हें पहचान कर फिल्म से हटा दिए जाएं.
फिल्म की पृष्ठभूमि 1975-77 के आपातकाल के समय की है. इसमें नील नितिन मुकेश, कीर्ति और कुल्हारी तोता राय चौधरी प्रमुख भूमिकाओं में है. इसमें सुप्रिया विनोद, अनुपम खेर भी हैं. फिल्म में किरदार दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और संजय गांधी से प्रेरित हैं.