मध्य प्रदेश में प्याज घोटाले में दिन-ब-दिन नई परतें खुलती जा रही हैं। नए मामले वर्ष 2016 में प्याज की हम्माली और तुलाई के हैं। इसमें 25 गुना से अधिक का भुगतान कर दिया गया। दरअसल, पिछले साल सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 10.40 लाख क्विंटल प्याज़ 62.45 करोड़ में खरीदी थी और उसके भंडारण, परिवहन और हम्माली एवं तुलाई पर 44.24 करोड़ खर्च कर दिए। खास बात यह है कि इसमें अकेले हम्माली की रकम 22 करोड़ रु. है।
इस संबंध में विधानसभा में मामला उठाने वाले कांग्रेस विधायक बाला बच्चन कहते हैं कि “हैरानी इस बात की है कि यह गड़बड़झाला किसी की पकड़ में भी नहीं आया। अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया। – जाहिर है, यदि यह किसी के ध्यान में आता तो शायद यह जानकारी विधानसभा तक भी नहीं पहुंच पाती।’
8 की जगह 220 रु. का भुगतान
– सरकार ने 100 किलो यानी 600 रुपए की प्याज खरीदने के दौरान हम्माली और परिवहन पर 220 रुपए खर्च कर दिए।
– मंडियों में एक क्विंटल की हम्माली और तुलाई की दर आठ रुपए से भी कम है, जबकि भुगतान किया गया 25 गुना अधिक की दर से।
– यही नहीं, प्याज भंडारण करने में भी अफसरों ने सरकार को अंधेरे में रख 140 रुपए प्रति क्विंटल की दर तक भुगतान किया जो की प्रचलित भंडारण दरों से 28 गुना अधिक है। विधानसभा में सरकार ने यह जानकारी दी।
तब भी सोनी और किदवई के पास थी कमान
– गौरतलब है कि जब प्याज़ खरीदी के दौरान हम्माली, तुलाई और भंडारण पर कई गुना राशि खर्च की जा रही थी उस समय भी निगम की कमान फैज़ अहमद किदवई के पास थी और उपार्जन का काम श्रीकांत सोनी ही देख रहे थे।
– गौरतलब है कि जब प्याज़ खरीदी के दौरान हम्माली, तुलाई और भंडारण पर कई गुना राशि खर्च की जा रही थी उस समय भी निगम की कमान फैज़ अहमद किदवई के पास थी और उपार्जन का काम श्रीकांत सोनी ही देख रहे थे।
– प्याज परिवहन के इस मामले में चौकाने वाली बात तो यह है की शासन ने प्याज के परिवहन के लिए इस वर्ष जो दरें निर्धारित की उसमें आपूर्ति निगम के मुख्यालय में परिवर्तन कर दिया गया।
– दरअसल किसानों के विरोध को देखते हुए शासन ने निगम को परिवहन की निर्धारित दरों से 25 फीसदी अधिक रेट पर प्याज के परिवहन की छूट दी थी, जिससे प्याज़ का परिवहन बिना समय गवाएं हो सके।
– इसी बीच तत्कालीन महाप्रबंधक श्रीकांत सोनी ने परिवहन दर 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का आदेश निकाल दिया।
– एजेंसियों ने लगभग 150 करोड़ रुपए परिवहन में लगा दिए, जिस पर कम से कम 22 करोड़ का भुगतान निर्धारित दरों से अधिक हो सकता है।