मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने के बाद मैंने अपनी बात रखी थी. नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने महागठबंधन सरकार चलाने की पूरी कोशिश की, लेकिन नहीं चल पाई. नीतीश ने कहा कि उनके पास गठबंधन तोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था.
उन्होंने कहा कि आरजेडी की बयानबाजी के कारण ही ऐसा हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश ने इस दौरान आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर टिप्पणी की. नीतीश ने कहा कि लालू यादव ने कुछ भी साफ नहीं किया. लालू तेजस्वी यादव पर कुछ नहीं बोले. नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ने को बिहार की जनता के हित में लिया गया फैसला करार दिया. मौजूदा राजनीति का हवाला देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि 2019 में नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं है. नीतीश का ये बयान एक तरह से विपक्ष पर हमला है जो महागठबंधन बनाकर और बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने का दंभ भर रहे हैं.
लालू यादव और उनके परिवार पर सीबीआई की कार्रवाई पर नीतीश कुमार ने कहा कि रेड के बाद मैंने कई बार लालू यादव से बात की. सीबीआई की रेड पर लालू यादव ने बीजेपी को नया पार्टनर मिलने की बात कहते हुए शुक्रिया कहा, जिसका बहुत गलत संदेश गया.
कैबिनेट मीटिंग के बाद मिले तेजस्वी
नीतीश कुमार ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग के बाद तेजस्वी यादव उनसे मिले. इस दौरान ”तेजस्वी ने मुझसे पूछा कि आप ही बता दें कि क्या सफाई दूं. मैंने उनसे तथ्यों के साथ सफाई देने को कहा, लेकिन ऐसा लगा कि उनके पास सफाई देने के लिए कुछ नहीं था. वो स्पष्टीकरण देने की स्थिति में नहीं थे.”
नीतीश ने बताया कि तेजस्वी यादव अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर जो सफाई दे रहे हैं, वो जनता को संतुष्ट नहीं कर पाई. तेजस्वी ने कहा कि भ्रष्टाचार का ये मामला तब का है जब वो नाबालिग थे. नीतीश ने कहा कि ये तर्क उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को समझा सकता है, लेकिन आम जनता को नहीं.
नीतीश कुमार ने बताया कि जब मुझे लगा इनके पास सफाई देने के लिए कुछ नहीं है और लालू यादव भी कुछ स्पष्ट नहीं कर रहे हैं, इसके बाद मैंने तय किया कि मैं ये गठबंधन सरकार नहीं चला सकता और हमारी पार्टी के विधायकों ने मेरा समर्थन किया. इस्तीफा देने से पहले मैंने लालू यादव और सीपी जोशी से बात की. इस्तीफे के बाद बीजेपी शीर्ष नेतृत्व हमसे बात की सरकार चलाने के लिए समर्थन का आश्वासन दिया.
लालू पर हमला
नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद पहली बार बयान देते हुए लालू यादव को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि लालू को बताना चाहिए कि वो वोट के लिए सेक्यूलरिज्म की बात करते हैं या बेनामी संपत्ति जमा करने के लिए. नीतीश ने कहा कि सेक्यूलरिज्म के नाम बेनामी संपत्ति अर्जित करना और धन कमाना मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता. नीतीश ने कहा अगर लालू के पास बेनामी संपत्ति नहीं है, तो उन्हें सफाई देनी चाहिए. नीतीश ने कहा कि महागठबंधन सिर्फ एक परिवार की सेवा के लिए नहीं किया गया था. मैंने लालू और मुलायम से मुझे सीएम उम्मीदवार घोषित करने के लिए नहीं कहा था.
लालू ने 2015 में कहा था कि महागठबंधन के लिए वो जहर पीने को भी तैयार हैं. नीतीश ने पूछा ”क्या मैं जहर हूं?”