वाशिंगटन। भारत के किशन गांगा प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक से झटका लगा है। वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि पाकिस्तान सिंधु नदी जल समझौते के आधार पर भारत के इस प्रोजेक्ट में अड़ंगा नहीं लगा सकता है। इस वाटर ट्रीटी के तहत भारत को अपने इलाके में हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के निर्माण का पूरा हक है। भारत झेलम-चिनाब की सहायक नदियों पर दो हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट लगा रहा है। इसमें किशनगंगा प्रोजेक्ट 330 मेगावाट का है, जबाकि रातले प्रोजेक्ट की क्षमता 850 मेगावाट है।
भारत को निर्माण का पूरा हक- सिंधु नदी जल संधि पर भारत और पाकिस्तान के बीच मंगलवार को हुई बैठक के फैक्टशीट में यह बात कही गई है। भारत की ओर से 2 प्रोजेक्ट के निर्माण पर जारी गतिरोध पर वर्ल्ड बैंक परामर्श देते हुए कहा कि सिंधु नदी जल समझौते के तहत आने वाली इन दोनों नदियों के साथ ही सिंधु नदी के जल के इस्तेमाल का पाकिस्तान को पूरा हक है। वहीं विश्वबैंक ने कहा कि बिजली के लिए इन नदियों पर बांध बनाने का भारत के पास पूरा हक है।
1960 में हुआ सिंध नदी जल समझौता – करीब 13 साल की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी जल समझौता 1960 में हुआ था। तब से भारत और पाकिस्तान के बीच 3 युद्ध भी हो चुके हैं, हालांकि इसके बाद भी यह समझौता पूरी तरह से काम कर रहा है। सिंधु नदी जल बंटवारे पर अब अगली बैठक इस साल सितंबर में वाशिंगटन में होनी है।