शिमला: गुडिय़ा की लाश 35 से 40 घंटे तक एक ही जगह रही। उसे किसी ने डिस्टर्ब नहीं किया। जंगली जानवरों ने भी नहीं। सूत्रों के अनुसार सी.बी.आई. की जांच इसी बिंदू के इर्द-गिर्द घूम रही है। जांच एजैंसी को ऐसे सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर पता चला है कि गुडिय़ा की जहां पर लाश मिली थी, उसके साथ दरिंदगी उसी के आसपास हुई है। शव के मुंह व प्राइवेट पार्ट्स में कीड़ों का लारवा मिला। यह लारवा एक निश्चित समय के बाद ही पनपता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी कोई भी अधिकारी इस स्टेज पर पुष्टि नहीं कर रहा है।
सी.आई.डी. भी कर रही है जांच
हवालात में हुई हत्या के बाद 19 जुलाई को लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। आक्रोशित भीड़ ने कोटखाई थाने पर पथराव कर दिया था। उस वक्त थाने में पुलिस कर्मियों की तादाद ज्यादा नहीं थी, ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब गुडिय़ा मामले में लोग पहले ही सड़क पर उतर गए थे तो फिर थाने में पर्याप्त पुलिस बल क्यों तैनात नहीं किया गया? पथराव के बाद लोग थाने के अंंदर घुसे। आग लगाने की भी कोशिश की। उस दौरान मालखाने में रखी शराब समेत असला व वायरलैस सैट तक के गायब होने की सूचना मिली। सरकारी संपत्ति के नुक्सान से जुड़े मामले की स्टेट सी.आई.डी. अलग से जांच कर रही है। सी.आई.डी. की एक टीम कोटखाई डटी हुई है। जांच पूरी होने के बाद प्रदर्शनकारियों पर फुटेज के आधार पर कार्रवाई हो सकती है।