मनीला। दक्षिण चीन सागर पर चीन के रुख की तीखी आलोचना से बच रहे आसियान देशों के असमंजस के बावजूद अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने एक स्वर में चीन में निंदा की। उन्होंने दक्षिण चीन सागर में चीन की विस्तारवादी नीति को अस्वीकार कर दिया है। वहां पर नए द्वीप बनाकर उन पर सैन्य तैनाती की भी निंदा की है। अमेरिकी और उसके सहयोगी देशों का कड़ा रुख मनीला में हो रहे 27 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में सामने आया है। इनमें दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की एसोशिएशन (आसियान) के सदस्य भी भाग ले रहे हैं।
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का यह रुख आसियान देशों के दो दिनों के असमंजस वाले रुख के बाद सम्मेलन के अंतिम दिन सामने आया। आसियान में शामिल वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान दक्षिण चीन सागर विवाद में सीधे तौर पर शामिल हैं। लेकिन कंबोडिया चीन की पैरोकारी करते हुए निंदनीय बयान जारी होने में रोड़े अटकाए। नतीजतन, रविवार को विवाद को बातचीत के जरिये सुलझाए जाने का सामान्य सा बयान जारी होकर रह गया। हाल के वर्षो में सागर विवाद के जोर पकड़ने पर चीन ने आसियान में फूट पैदा कर दी। कुछ देशों से आर्थिक संबंध मजबूत करके चीन ने छोटे देशों वाले इस इलाके को एकजुट नहीं होने दिया।
50 खरब डॉलर के व्यापार वाले इस समुद्री मार्ग पर चीन कब्जा करना चाहता है। इस समुद्री क्षेत्र के नीचे गैस और तेल के भंडार भी होने का पता चला है। इसके चलते चीन ने वहां पर कृत्रिम द्वीप बनाकर सैन्य तैनाती कर दी है। तमाम देशों की निंदा के बावजूद चीन यह इलाका छोड़ने को तैयार नहीं है।