बिहार में आरजेडी से नाता तोड़ बीजेपी से मिलकर सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले से ‘आहत’ वरिष्ठ जेडीयू नेता शरद अब बगावत पर उतारू दिख रहे हैं. जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष गुरुवार से बिहार की तीन दिवसीय यात्रा शुरू करने वाले हैं. शरद यादव ने साथ ही बताया कि उन्होंने समान विचारों वाले नेताओं की 17 अगस्त को दिल्ली में बैठक बुलाई है.
इसके साथ ही शरद यादव ने गुजरात के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अहमद पटेल के पक्ष में वोट डालने का दावा करने वाले पार्टी के एकमात्र विधायक छोटू भाई वसावा का भी समर्थन किया है. उन्होंने केसी त्यागी की भी आलोचना जिन्होंने दावा किया था वसावा ने बीजेपी को वोट दिया है.
शरद यादव पहले ही नीतीश कुमार के फैसले पर खुले तौर पर नाखुशी जाहिर कर चुके हैं. ऐसे में वह 10 से 12 अगस्त के बीच बिहार के 7 जिलों में आम लोगों के बीच जाकर संवाद करेंगे. इसके बाद उन्होंने 17 अगस्त को ‘सहद विरासत बचाओ सम्मेलन’ बुलाई है. ऐसा माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में विपक्षी नेताओं के अलावा कुछ दलित एवं अल्पसंख्यक नेता भी शामिल होंगे.
शरद की नाराजगी का अंदाजा राज्यसभा में इससे पहले दिए उनके भाषण से भी मिलता है, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘यह मेरा सिद्धांत है कि जब भी अपने भीतर अंधकार महसूस करता हूं तो प्रकाश की तलाश में मैं लोगों के पास जाता हूं.’ इसके साथ ही उन्होंने नीतीश के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘बिहार के 11 करोड़ लोगों ने हम पर विश्वास किया, उन्होंने अपना भरोसा जताया. यह टूट गया. मुझे इससे दुख हुआ है.’
शरद यादव के इन बयानों से साफ है कि नीतीश कुमार के इस फैसले से बेहद निराश हैं और 17 अगस्त के इस सम्मेलन में कोई बड़ा ऐलान करने की सोच रहे हैं.