छोटे-मोटे लीडर नहीं आए तो क्या फर्क पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिना चुनाव के कोई संगठन मजबूत हो ही नहीं सकता। किसी को मनोनीत करके कोई संगठन मजबूत नहीं बन सकता। इसमें तो सिर्फ अपने यार दोस्तों को खुश कर सकते हैं, मगर जनभावनाओं को नहीं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती पर कथित रूप से गद्दी सभा के अध्यक्ष वाले बयान पर मचे बवाल के बाद धर्मशाला में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सफाई दी।
मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस धर्मशाला में पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता में कहा कि उन्होंने गद्दी समुदाय को आहत करने वाला कोई बयान नहीं दिया है।
यह कहा था कि भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती से बड़ा अध्यक्ष तो हमारे गद्दी बोर्ड का है। गद्दी कल्याण बोर्ड का गठन हमने ही किया था। इस समुुदाय के कल्याण के लिए हम हमेशा तत्पर रहे हैं।
कंप्यूटर शिक्षकों के लिए पॉलिसी बना दी: सीएम
प्रदेश सरकार पर केंद्र की योजनाओं का झूठा श्रेय लेने के आरोप पर वीरभद्र सिंह ने नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल को घेरा। कहा कि जब धूूमल सीएम थे तो क्या उन्होंने हमीरपुर संसदीय के संसाधनों से ही काम किया।
जो भी सरकार होती है, उसका अपना बजट होता है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों की योजनाओं को क्रियान्वित करने से विकास होता है।
लगता है धूमल साहब इस बात से अनभिज्ञ हैं। कहा कि कंप्यूटर शिक्षक कई वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। उनके लिए पॉलिसी बना दी है। पॉलिसी बनने से पढ़े-लिखे बेरोजगारों के साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। जो लोग क्वालिफाइड हैं, उन्हें ही लाभ मिल रहा है।