चिट्टा मामले में पकड़े गए प्रदेश पथ परिवहन निगम सोलन के तत्कालीन रीजनल मैनेजर मोहिंदर सिंह राणा को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। राणा ने खुद को बेकसूर बताते हुए पूरे मामले का ठीकरा पुलिस पर फोड़ा है।
72 दिन जेल में रहने के बाद शुक्रवार को उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि वह साजिश करने वाले पुलिस अफसर के खिलाफ 50 लाख की मानहानि का दावा करेंगे।
उन्होंने कहा कि चिट्टा मामले से उनका कोई लेनादेना नहीं था। पुलिस ने उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया है। उनकी गाड़ी में जिस सफेद पाउडर को नशीला पदार्थ चिट्टा दर्शाया गया, वह हैदराबाद की लैब जांच में अमोनिया कारबोनेट और बायकारबोनेट (सोडा) पाया गया। राणा ने दावा किया कि पुलिस ने जो एफआईआर में दर्ज किया है, वह सब झूठ है।
उन्होंने कहा कि एफआईआर में दर्शाया गया है कि रात साढ़े बारह बजे शोघी नाके के दौरान उन्हें पकड़ा गया। लेकिन 10 बजे उनकी गाड़ी बालूगंज गुरुद्वारे के सामने खड़ी थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के सीआईए विंग ने उनसे 7 लाख कैश मांगा लेकिन मैंने कहा कि किस बात का पैसा दूं।
एफआईआर के मुताबिक वह सोलन से शिमला की ओर आ रहे थे। उनकी गाड़ी में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ था। वह सोलन से शिमला नहीं बल्कि शिमला से सोलन की ओर जा रहे थे।