मध्यप्रदेश राज्य-स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने स्नेपडील, इण्डिया मार्ट, विश एण्ड बॉय एवं क्रॉफ्ट कम्पेरिजन कम्पनियों को अपने ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल पर वन्य-प्राणी अवयवों का विक्रय करने पर नोटिस जारी किया है। कम्पनियों से कहा गया है कि वे अपनी साइट से वन्य-प्राणी अवयवों की बिक्री एवं उससे संबंधित सभी सूचनाएँ तत्काल हटायें। यह भी स्पष्ट करें कि वन्य-प्राणी अवयवों के व्यापार में सम्मिलित होने के कारण क्यों न उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाये।
अंधविश्वास का दुष्प्रचार करने वाले खुद मुसीबत में फंसे
टाइगर स्ट्राइक फोर्स की इंदौर इकाई ने 15-16 जून, 2017 को इंदौर के विजय नगर क्षेत्र से शुभ भक्ति नामक कम्पनी के परिसर से वन्य-प्राणियों के अंगों से निर्मित हत्थाजोड़ी और सियार सिंगी जप्त की थी। कम्पनी के मालिक सुमित शर्मा, सचिन शर्मा और फिरोज अली को गिरफ्तार किया था। जाँच के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे अपनी कम्पनी से पूजा सामग्री का व्यापार करते हैं और ऊँचे दामों पर बेचते हैं। आरोपियों ने बताया कि लोगों के अंधविश्वास जैसे हत्थाजोड़ी से कोर्ट केस में जीत होगी, पास रखने पर धन वर्षा होगी, संतान सुख मिलेगा, व्यापार बढ़ेगा और सारी समस्याएँ खत्म हो जायेंगी, इससे इन अवयवों की अच्छी बिक्री होती थी, लेकिन अब इन अवयवों के कारण वे खुद मुसीबत में फंस गये हैं।
वन्य-प्राणी संरक्षण अधिनियम में प्रकरण दर्ज
सभी आरोपियों के विरुद्ध वन्य-प्राणी संरक्षण अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया गया था। जाँच के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वे उक्त चारों वेबसाइट के माध्यम से भी इन वन्य-प्राणियों के अवयवों का व्यापार करते हैं। बचाव में अपराधियों ने कहा कि यह सामग्रियाँ वन्य-प्राणियों की न होकर पौधों की जड़ आदि हैं। हालांकि जाँच दल को पता था कि यह वन्य-प्राणी अवयव हैं, उसके बाद भी फारेंसिक जाँच करवायी गयी, जिसमें वन्य-प्राणियों के अवयव होने की पुष्टि हुई।
ऑनलाइन बिक्री है देश में अंधविश्वास बेचने का नया तरीका
मध्यप्रदेश एवं भारत के अन्य राज्यों में व्याप्त अंधविश्वासों के चलते वन्य-प्राणी अवयवों के दुरुपयोग की घटनाएँ पहले भी होती रही हैं। परंतु ऑनलाइन बिक्री जैसे नवीन साधनों के कारण इनका स्वरूप बदल गया है। पिछले दिनों वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो द्वारा भी दिल्ली, आंध्रप्रदेश, ओडिसा से भी इस प्रकार की कार्रवाई संबंधी प्रकरण दर्ज किये गये थे। इंदौर में हुई कार्रवाई में वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी भी शामिल थे।
वन मंत्री की अपील
वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने लोगों से अपील की है कि इस प्रकार के अंधविश्वास और वन्य-प्राणी अवयवों से होने वाले छद्म लाभ एवं प्रलोभनों से दूर रहें। अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। वन्य-प्राणी अवयवों को अपने पास रखना, व्यापार करना, उपयोग करना कानूनन अपराध है। यदि उन्हें वन्य-प्राणी अवयवों के क्रय-विक्रय की जानकारी हो तो, मोबाइल क्रमांक 9424792414, 9424797267, 9424792115, 942479324 और 9424797031 में से किसी एक नम्बर पर सूचना अवश्य दें।