चंडीगढ़ छेड़छाड़ केस में भाजपा नेता के बेटे को सलाखों के पीछे पुहचाने वाली वर्णिका कुंडू के साहस की हर और से तारीफ़ हो रही है वर्णिका ने अपने खिलाफ़ हुए अपमानजनक व्यवहार के लिये न सिर्फ लड़ाई लड़ी, बल्कि पुरे देश को एकजुट भी कर दिया. वर्णिका इन दिनों बेटियों की आयकॉन बन गयी है. सोशलमिडिया भी उनके किस्से गा रहा है. हालाकि, वर्णिका की शख़्सियत का दूसरा पहलू यह भी है कि वह म्यूजिक और डांस की दीवानी है और पुरुषों के क्लब में कामयाब डीजे भी हैं। शुरूआत उन्होंने गिटार बजाने से की थी, पर अब वह पहली महिला जहा अबतक सिर्फ पुरुषों का बोलबाला रह है।
बीते ६ सालों से सुना रही है
धुन पंचकूला की 28 वर्षीय वर्णिका संगीत में खास रूचि रखती है। वह अपने इलाके की पहली महिला डीजे है। बीते छह साल से लोगों को अपनी धुनें सुना रही है। वास्तव यह उनका इकलोता प्रोफेशन है, जहां उन्हें सुकून मिलता है।
5 साल की उम्र में ही संगीत से जुड़ाव
जब वर्णिका पाच साल की थी उनके संगीत के लगाव के देखते हुये उनके आई ए एस पिता ने जन्मदिन पर ऑडियो मिक्सर लाकर दिया था। तभी से उन्हें संगीत की लत लग गई. वह कह थी हमेशा मुझे एक ऐसी नोकरी चाहिये थी जहा दिनभर गाने में गाने सुन सकती हु।
मिस्र में भी किया प्रोग्राम
वर्णिका यह शौक उनका पेशा भी बनचुका है उन्होंने विदेशो में भी की प्रोग्राम किये है हाल ही में वह ऐसे ही एक प्रोग्राम के सिलसिले में मिस्र में थी। वह चण्डीगढ के अलावा देहली मुंबई के कई क्लबों में अपने प्रोग्राम दे चुकि है।
माता पिता ने हर कदम पर दिया साथ
वर्णिका डीजे बनने के पीछे अपने माता पिता को श्रेय देती है। वह कहती है कि उनके माता पिता उनके डीजे बनने की राह में कभी रोड़ा नहीं बने , बल्कि उन्होंने आसमान में पंख फैलाकर उड़ने में मदद की। माता पिता इस बात से ही खुश हो गये थे की मैने 2010 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से ग्रेजुएशन कर लिया था।
महिला होना आड़े नहीं आया
आम धारणा के विपरीत वर्णिका की डीजे बनने की राह में एक महिला होना आड़े नहीं आया। वर्णिका कहती है की यह एक तरह से अच्छा ही हुआ, क्योकि ऐसा होता तो वह इतनी चर्चित नहीं होती। हलाकि शुरआत में यह आसान भी नहीं था। उन्हें क्लब के मालिक से लेकर मैनेजर को मनाने में काफी मशक्त करनी पड़ी।