पिछले दो महीने से भूटान के पठार में स्थित डोकलाम में चला आ रहा भारत और चीन के बीच विवाद निपटा भी नहीं है कि दोनों देशों की सेनाएं पेंगोंग झील के करीब टकरा गईं. मंगलवार सुबह पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव हुआ है. गतिरोध लगभग आधे घंटे तक चला और फिर दोनों पक्ष वापस चले गए.
दोनों तरफ से हुई पत्थरबाजी
घुसपैठ कि कोशिश में नाकाम होते देख चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. पत्थरबाजी से दोनों तरफ सैनिकों को हल्की चोटें आने की खबर है. पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिक दो इलाकों फिंगर फोर और फिंगर फाइव में सुबह 6 से 9 के बीच भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दोनों ही मौकों पर भारतीय जवानों ने उनकी कोशिश असफल कर दी. जब चीनी सैनिकों ने देखा कि उनकी कोशिश असफल हो गई है तब उन्होंने भारतीय सैनिकों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इसके बाद भारतीय जवानों ने भी पत्थर फेंके. घटना के कुछ देर बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई.
चीनी सैनिक इस घटना में फिंगर फोर इलाके में घुसने में सफल हो गए थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस धकेल दिया. इस इलाके पर दोनों अपना-अपना दावा करते रहे हैं. 1990 के दशक में भारत ने इस इलाके पर दावा किया था तो चीनी सेना ने यहां एक सड़क बनाकर इसे अक्साई चीन का हिस्सा बता डाला था. हालांकि बाद में भारत ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था.
चीन में है झील का 60 फीसदी हिस्सा
पेंगोंग हिमालय में एक झील है. जिसकी ऊंचाई लगभग 4500 मीटर है. यह 134 किमी लंबी है और भारत के लद्दाख से तिब्बत पहुंचती है. इस झील का करीब 60 फीसदी हिस्सा चीन में है.
5 जुलाई को फहराया गया था तिब्बत का झंडा
लद्दाख के रास्ते भारत पर दबाव बनाने की कोशिश
वहीं चीन अब डोकलाम विवाद में भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए लद्दाख का रास्ता ले रहा है. इस इलाके में चीनी फौज पुल बनाने की कोशिश में जुटी हैं. दरअसल, डोकलाम पर पिछले दो महीनों से बौखला रहा चीन अब भारत को लद्दाख के रास्ते घेरने की कोशिश में लग गया है.
डोकलाम में चीनी फौजें सड़क बनाकर विवादित इलाके की यथास्थिति से छेड़छाड़ करने की साजिश कर रही थीं तो लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास भी चीनी फौजें ऐसी दादागीरी दिखाने पर उतर आई हैं. नो मैन्स लैंड यानी दोनों देशों के सरहद के बीच भी चीनी फौज अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है.