मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं का आव्हान किया है कि वे बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर सार्थक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समाप्ति, गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, प्रतिभा प्रोत्साहन, नशामुक्त संसार बनाने और पर्यावरण संतुलन के लिए युवा आगे आयें। श्री चौहान आज इंडो-असियान यूथ समिट के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। समिट का आयोजन विदेश मंत्रालय, मध्यप्रदेश शासन और इंडिया फाउन्डेशन के तत्वावधान में किया गया था। इस अवसर पर इंडिया फाउन्डेशन के प्रमुख श्री राम माधव भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान समय की प्रमुख चुनौतियों से निपटने के लिये युवाओं को आगे आना होगा। आतंकवाद को समाप्त करने के लिये आतंकी मानसिकता को खत्म करने के प्रयास जरूरी है। गरीबी के उन्मूलन के लिए गरीबों को भगवान मानकर उनके लिये सेवा भाव से कार्य की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में गरीब कल्याण एजेंडे पर कार्य हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी गरीबों की सहायता के लिए सस्ता राशन, नि:शुल्क शिक्षा, छात्रवृत्ति एवं अन्य आर्थिक सहायता, इलाज, मकान की उपलब्धता आदि की बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। श्री चौहान ने कहा कि विश्व की आधी आबादी महिलाओं को समान स्तर पर लाने के लिये अतिरिक्त कार्यों की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में सही अर्थों में महिला सशक्तिकरण के प्रयास हुए हैं। जहाँ उनके हाथों में शासन के सूत्र सौंपे जा रहे हैं। स्थानीय निकायों, सरकारी सेवाओं में आरक्षण के साथ ही बेटियों के जन्म से ही उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिये ठोस कार्य किये गए हैं। इसी तरह प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के प्रभावी प्रयास जरूरी है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना संचालित की गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित पर्यावरण की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन जरूरी है। प्रकृति का दोहन किया जाना चाहिये, शोषण उचित नहीं है। उन्होंने समिट में प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किये गये प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने नशे की समस्या गंभीर होती जा रही है। नशामुक्त संसार बनाने के प्रयास आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत-आसियान देशों के संबंध प्राचीन-काल से हैं। उनके विचार, परंपरा, संस्कृति और विरासत सांझी है। उन्होंने कहा कि शांति पथ का दिग्दर्शन सबसे पहले भारत भूमि पर महात्मा बुद्ध के रूप में हुआ था। उन्होंने बताया कि प्रदेश देश का सबसे तेजी से प्रगति करने वाला राज्य है। सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहरों, वन और वन्य जीवों से समृद्ध है। मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों से प्रदेश की धरोहरों का अवलोकन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रतिभागी जब भी प्रदेश में आयेंगे, उनका गर्मजोशी से स्वागत होगा।
युवा नेतृत्व भविष्य का निर्माता : विदेश राज्य मंत्री श्री सिंह
केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री श्री वी.के.सिंह ने कहा कि युवा नेतृत्व भविष्य के नीति निर्माता हैं। समिट के अनुभव युवाओं को नवाचारों और उनके क्रियान्वयन के लिये प्रेरित करेंगे। उनके भविष्य के सपनों को साकार करने का मार्ग प्रकाशित करेंगे। उन्होंने कहा कि इंडो-आसियान देशों की नियति, मान्यताएँ और अतीत उन्हें एक दूसरे से मजबूती से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इंडो-आसियान क्षेत्र की आबादी युवा है, जो भविष्य में विश्व में हमारी शक्ति का आधार होगा। श्री सिंह ने कहा कि अंचल में जी.डी.पी, उद्योग आदि क्षेत्रों में जो नवाचार हो रहे हैं, उनका स्रोत युवा शक्ति ही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि समिट के दौरान युवाओं के मध्य आपसी संबंध भविष्य के संयुक्त उपक्रमों का आधार बनेंगे। श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिये हुए प्रभावी प्रयासों का गंभीरता से अध्ययन किया जाये। इससे प्रतिभागियों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप उनके बेहतर क्रियान्वयन में सहयोग मिलेगा।
विदेश मंत्रालय में सचिव सुश्री प्रीति सरन ने इंडो-आसियान देशों के पारस्परिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिये किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राजनैतिक सुरक्षा, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक सहयोग के विभिन्न कार्यक्रम जिसमें पार्लियामेंटेरियन एवं डिप्लोमेट्स आदि के अध्ययन एवं प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों के अनुभव और उनके निष्कर्ष भविष्य में क्षेत्र के गवर्नेंस और नीति निर्माण का मार्ग तय करेंगे।
समिट का उद्देश्य आसियान देशों में विद्यमान संयुक्त भाव को अभिव्यक्त ओर सशक्त करना-श्री खेर
प्रख्यात सिने अभिनेता श्री अनुपम खेर ने कहा कि भारत लम्बे समय तक गुलाम रहा पर हमने खुश रहना, प्रसन्न रहना नहीं छोड़ा। हमारे आंतरिक आनंद को बनाये रखने और बुरे समय को सहन करने की क्षमता के परिणाम स्वरूप ही हमारी संस्कृति और परम्पराओं को हम जीवन्त रख पाये हैं। श्री खेर इंडिया आसियान यूथ समिट में सम्मिलित हुए देशों के युवाओं से प्रेरणास्पद संवाद कर रहे थे।
श्री अनुपम खेर ने कहा कि यहाँ आये देशों के प्रतिनिधि अलग-अलग क्षेत्रों से आये हैं पर इनकी संस्कृति, परम्पराएँ, संवेदनाएँ एक समान हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य इन देशों में विद्यमान संयुक्त भाव को अभिव्यक्त करना और सशक्त करना है। उन्होंने थाइलैण्ड, ब्रुनेई, क्रोएशिया, म्यांमार, लाओस, इण्डोनेशिया, सिंगापुर, फिलीपीन्स के प्रतिनिधियों से बातचीत की। श्री खेर ने कहा कि जीवन का 90 प्रतिशत भाग एकरूपता से भरा है, इसे सकारात्मकता के साथ जीने की सामर्थ्य होना जरूरी है।
आभार प्रदर्शन इंडिया फाउन्डेशन के निदेशक श्री ध्रुव कटोच ने किया।