देश भर में जन्माष्टी धूम-धाम से मनाई जाती है. मंदिरों में झांकिया सजाई जाती है. इस मौके पर लोग उपवास रखते हैं और नन्हें कान्हा को झूला झुलाते हैं. ऐसा माना जाता है कि भाद्रपद की कृष्ण पशाम के समय काले तिलों के जल से स्नान कर देवकीजी के लिए ‘सूतिकागृह’ नियत करें. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. मूर्ति में बालक श्रीकृष्ण को स्तनपान कराती हुई देवकी हों और लक्ष्मीजी उनके चरण स्पर्श किए हों अगर ऐसा चित्र मिल जाए तो बेहतर रहता है. इसके बाद विधि-विधान से पूजन करें. पूजन में देवकी, वसुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी इन सबका नाम क्रमशः लेना चाहिए.क्ष की अष्टमी को भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में धरती पर आठवां अवतार लिया था.
जन्माष्टमी पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और व्रत की पूर्व रात्रि को हल्का भोजन करें. सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, दिक्पति, भूमि, आकाश, खेचर, अमर और ब्रह्मादि को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर मुख बैठें. व्रत के दिन सुबह स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं. इसके बाद जल, फल, कुश और गंध लेकर संकल्प करें: ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥
फिर निम्न मंत्र से पुष्पांजलि अर्पण करें
‘प्रणमे देव जननी त्वया जातस्तु वामनः। वसुदेवात तथा कृष्णो नमस्तुभ्यं नमो नमः। सुपुत्रार्घ्यं प्रदत्तं में गृहाणेमं नमोऽस्तुते।’- अंत में प्रसाद वितरण कर भजन-कीर्तन करते हुए रतजगा करें..
जन्माष्टमी पर बनेंगे धनवान
इस बार की जन्माष्टमी बेहद खास है. अगर आप धन की समस्या से झूझ रहे हैं. तो इस आपको इससे स्थाई निवारण मिल जाएगा. जन्माष्टमी का शुभ समय आज यानि 14 अगस्त से आरंभ होकर कल 15 अगस्त तक रहेगा. इस खास समय पर भगवान कृष्ण की उपासना विधि-विधान से करें. इससे धन की प्राप्ति होगी.