ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल के चलते देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही मौतों को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने को कहा है. चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ब्लू व्हेल गेम खेलने वालों को खतरनाक चैलेंज किया जाता है. इसे खेलने वाले से कुछ भी करा लिया जाता है. ऐसे में मामले की NIA से जांच होनी चाहिए.
लोग अपने बच्चों पर नजर रखें: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने गृहमंत्री और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे सोशल मीडिया से ब्लू व्हेल चैलेंज गेम को हटवाएं.
उनके मंत्रालय की ओर से ट्विटर पर लिखा है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस आत्मघाती गेम ने अब तक पूरी दुनिया में 100 बच्चों की जान ले चुका है. इसके साथ ही जानकारी देते हुए बताया गया है कि मंत्री मेनका गांधी ने इस मुद्दे को सोमवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद के सामने उठाया है. महिला एवं बाल विकास मंत्री ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वह अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर जरूर बनाए रखें.
गौरतलब है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में कई बच्चों के इस गेम में पड़कर जान को जोखिम में डालने की खबरें आ चुकी हैं. जिसमें एक बच्चे की जान चुकी है वहीं तिरुअनंतपुरम में भी एक बच्चे की मौत की खबर आ रही है. हालांकि अभी इस मामले में पुलिस की जांच जारी है.
आपको बता दें कि बच्चों के लिए जानलेना बन चुके ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल को लेकर केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ गेम पर सूचना तकनीक मंत्रालय ने इंटरनेट प्लेटफ़ॉर्म कंपनियों को पत्र लिखा है. मंत्रालय ने पत्र लिखकर कहा है कि भारत में ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ गेम की वजह से आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं इसलिए इस गेम और इससे मिलते-जुलते लिंक अपने प्लेटफ़ॉर्म से हटा लें. फ़ेसबुक, गूगल, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ़्ट और याहू आदि को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कोई ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ गेम के बारे में उकसाए तो उसके बारे में कानूनी एजेंसियों को बताएं. ये पत्र सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के निर्देश के बाद लिखा गया है.