Home धर्म/ज्योतिष इसलिए मनाया जाता है ‘गणेशोत्सव’….

इसलिए मनाया जाता है ‘गणेशोत्सव’….

40
0
SHARE

गणेशोत्सव’ यानी हर्ष और उल्लास का त्यौहार जो 10 दिनों तक बड़े ही धूमधाम के साथ पूरे देश में मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी का त्यौहार प्रति वर्ष भाद्र पद के चतुर्थी तिथि को होता है. शिवपुराण अनुसार भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्ति भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था. गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाने की परंपरा तो वर्षो से चली आ रहीं है. पुणे में मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी के ज़माने से गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जा रहा है. भगवान गणेश उनके कुल देवता थे.

गणपति क्यों बैठाते हैं…

हर वर्ष पूरे देश में भगवान गणपति की स्थापना की जाती है, आम भाषा में गणपती को बैठाते हैं, लेकिन क्यों? क्या आपको पता है कि आखिर क्यों 10 दिनों तक हम गणपति बप्पा की स्थापना कर उनकी पूजा अर्चना करते है. चलिए हम आपको बता ही देते है. दरअसल हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार, महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की है. लेकिन लिखना महर्षि के वश में नहीं था. अतः उन्होंने श्री गणेश जी की आराधना की और गणपती जी से महाभारत लिखने की प्रार्थना की. गणपती जी ने सहमति दी और दिन-रात लेखन कार्य प्रारम्भ हुआ और इस कारण गणेश जी को थकान तो होनी ही थी, लेकिन उन्हें पानी पीना भी वर्जित था. अतः गणपति जी के शरीर का तापमान बढ़े नहीं, इसलिए वेदव्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप किया और भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी की पूजा की. मिट्टी का लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर में अकड़न आ गई, इसी कारण गणेश जी का एक नाम ‘पर्थिव गणेश’ भी पड़ा.

महाभारत का लेखन कार्य 10 दिनों तक चला. अनंत चतुर्दशी को लेखन कार्य संपन्न हुआ. वेदव्यास ने देखा कि गणपति जी का शारीरिक तापमान फिर भी बहुत बढ़ा हुआ है और उनके शरीर पर लेप की गई मिट्टी सूखकर झड़ रही है, तो वेदव्यास ने उन्हें पानी में डाल दिया. इन दस दिनों में वेदव्यास ने गणेश जी को खाने के लिए विभिन्न पदार्थ दिए. तभी से गणपती बैठाने की प्रथा चल पड़ी. इन दस दिनों में इसलिए गणेश जी की पसंद के विभिन्न भोजन अर्पित किए जाते हैं.

इस उत्सव में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जाती है श्रद्धालु भक्त नारियल, गुड़, मोदक, दुर्वा, घास और लाल गुड़हल के फूल मूर्ति को स्नेह के साथ समर्पित करते हैं. पहले के समय में तो पूरे देश में गणेश जी की पूजा अर्चना एक ही तरह से की जाती थी, लेकिन अब यह त्यौहार राज्य स्तर पर मनाया जाने लगा है. सभी राज्यों में अपने-अपने रीतिरिवाज के अनुसार अब भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. बड़े ही हर्षोल्लास के साथ 10 दिनों तक बप्पा की सेवा की जाती है और 10 दिन के पश्चात् गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here