Home धर्म/ज्योतिष राधा जन्माष्टमी व्रत, पूरी होगी धन-दौलत की मनोकामना…..

राधा जन्माष्टमी व्रत, पूरी होगी धन-दौलत की मनोकामना…..

40
0
SHARE

भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण की बाल सहचरी, जगजननी भगवती शक्ति राधाजी का जन्म हुआ था. इस बार राधा जन्माष्टमी 29 अगस्त को है. राधा के बिना श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व अधूरा है. इसलिए श्रीकृष्ण के साथ से राधा को हटा दिया जाए तो श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व माधुर्यहीन हो जाएगा. राधा के ही कारण श्रीकृष्ण रासेश्वर हैं.

राधाजी का जन्म बरसाना में हुआ था. पद्मपुराण के अनुसार उनके पिता का नाम वृषभानु था. वृषभानु यज्ञ के लिए भूमि साफ कर रहे थे, तभी उन्हें कन्या के रूप में राधाजी प्राप्त हुईं.

कहा जाता है कि जो लोग राधा जन्माष्टमी का व्रत नहीं रखते, उन लोगों का कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का फल भी नहीं मिलता. जन्माष्टमी का व्रत भी जोड़े से करने का लाभ श्रद्धालुओं को मिलता है. इस व्रत पर राधा-कृष्णा की प्रतिमा को लगाकर पूजा करना चाहिए.

राधा अष्टमी या जन्माष्टमी के नाम से इस व्रत को जाना जाता है. इस व्रत को करने से धन की कमी नहीं होती और घर में बरकत बनी रहती है. इस व्रत को करने से भाद्रपक्ष की अष्टमी के व्रत से ही महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत भी होती है.

राधा अष्टमी का व्रत कैसे करें

– सुबह-सुबह स्नानादि से निवृत्त हो जाएं.

– इसके बाद मंडप के नीचे मंडल बनाकर उसके मध्यभाग में मिट्टी या तांबे का कलश स्थापित करें. कलश पर तांबे का पात्र रखें.

 – अब इस पात्र पर वस्त्राभूषण से सुसज्जित राधाजी की सोने (संभव हो तो) की मूर्ति स्थापित करें

– इसके बाद राधाजी का षोडशोपचार से पूजन करें.

– ध्यान रहे कि पूजा का समय ठीक मध्याह्न का होना चाहिए.

– पूजन पश्चात पूरा उपवास करें अथवा एक समय भोजन करें.

– दूसरे दिन श्रद्धानुसार सुहागिन स्त्रियों तथा ब्राह्मणों को भोजन कराएं व उन्हें दक्षिणा दें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here