आप भारत के किसी भी कोने में चले जाएँ आपको अमूमन साफ़ सफाई अच्छी सड़कें प्रदूषित वातावरण के अलावा एक चीज़ बहुत आम दिखाई देगी वह है भिखारीऔर साधु महात्मा यानि की बाबा | यह आम लोगों से अलग दिखे इसलिए यह तथाकथित बाबा विचित्र और अजीब सी वेशभूषा धारण किये रहते है | कोई सिर से पाँव तक महंगे कपड़ो से ढाका है तो कोई बिलकुल नंगा ,कोई जटा रखे है तो कोई सफाचट,किसी ने कई किलो सोना पहन रखा है तो किसी ने रुद्राक्ष की माला अपने पुरे शरीर में लपेटे है | क्या ऐसे थे हमारे साधु संत | शस्त्रों के अनुसार साधु संत इसलिए बनते थे ताकि वह जनमानस में नैतिकता ,ज्ञान और भाईचारे का प्रचार प्रसार कर सके ताकि मजबूत समाज का निर्माण हो सके | आज के युग के बाबाओं ने समाज में अराजकता भोगविलासिता अनैतिकता का सबसे ज्यादा प्रचार या कहे की गुनाह किया है |
आज पूरा मीडिया साधु संतो के पीछे पड़ा हुआ है की लोग क्यों जाते है बाबाओं के शरण में | काफी हद तक उनका कहना ठीक भी है कि यही लोग इंसान को भगवान् बना देते है और बाबा राम रहीम जैसे कुछ उदहारण हमारे हिन्दू समाज और भारत के महान संतो को अपमानित कर रहे है है | लेकिन में एक आम इंसान होने के नाते समाज के ज्ञानी लोगों से पूछना चाहता हूँ की कौन सा ऐसा समाज है जिसमें ऐसे उदहारण नहीं है | और वैसे भी पांचों उंगलियां एक बराबर नहीं होती है | जहाँ बाबा राम रहीम जैसे लोग है वहीँ दूसरे ओर कई ऐसे महँ साधु संत है जिन्होंने समाज को आगे बढ़ाने में अपने विचारों को मजबूती से आगे रखा | इन सब को अनदेखा कर पुरे साधु समाज को या हमारे हिन्दू धर्म कोआडे हाथ नहीं लिया जा सकता |
संतों के योगदान को समाज को आगे बढ़ने में किसी से अछूता नहीं है | मुस्लिम समाज हो या ईसाई समुदाय ऐसे शोषण के कई उदहारण के आंकड़े कई ज्यादा है | फिर भी में यह बोलूंगा की इन सभी समाजों में अच्छे और शिक्षित गुरु आज भी है जो समाज में हर बुराई से लड़ने की शिक्षा आम इंसान को साझा करते है | २५ अगस्त को जो स्तिथि पैदा हुई वह बहुत ही निंदनीय थी | कई बेगुनाह बेमौत मरे गए ,कई सरकारी सम्पतियों और आम लोगों को नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई क्या इन जैसे बाबों की समाप्ति बेच कर किया जायेगा | आदेश तो ऐसे ही हुए पर क्या सच में ऐसा होगा ?जो बेगुनाह लोग मरे है और इन दंगों को अंजाम दिया है क्या कोई धर्म या धर्मगुरु इसकी इजाज़त देते है| भक्त भगवान् का हो या गुरु का, उन्हें भरोसा होना चाहिए अन्धविश्वास नहीं |
मेरा सभी से अनुरोध है की कुछ तथाकथित गलत उदाहरणों की वजह से सारे साधु संत और हिन्दू धर्म पर कीचड़ न उछाले