कजाखस्तान में होगी लैंडिंग
अमेरिकी एस्ट्रोनॉट पेग्गी व्हिटसन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन(आईएसएस) में एक बार में रिकॉर्ड 288 दिन बिताकर धरती पर लौटने की तैयारी कर रही हैं। यह जानकारी नासा ने दी। एक्सपेडिशन-52 में उनके दो सहयोगी नासा के ही फ्लाइट इंजीनियर जैक फिशर और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमोस के कमांडर फ्योडोर यूर्चिखिन भी सोयुज एमएस-04 के साथ लौट रहे हैं। इनकी कजाखस्तान में लैंडिंग कराई जाएगी।
तय की 19.66 किमी की दूरी
यूर्चिखिन ने शुक्रवार को आइएसएस की कमान नासा के रैंडी ब्रेस्निक को सौंप दी थी। व्हिटसन ने नवंबर, 2016 में मिशन की शुरुआत की थी। लंबी अवधि के दौरान उन्होंने 19.66 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की और पृथ्वी की कक्षा का 4,623 बार चक्कर लगाया। वह अपने कॅरियर में 665 दिन(तीन मिशन को मिलाकर) यूनिवर्स में बिता चुकी हैं।
कई नमूने भी लेकर आ रही
वह अपने साथ यूनिवर्स से कई नमूने भी लेकर आ रही हैं। यूर्चिखिन और फिशर ने अपनी यात्रा इस साल अप्रैल में शुरू की थी। यह एस्ट्रोनॉट अब तक 673 दिन स्पेस में बिता चुके हैं। एक्सपेडिशन-52 मिशन का स्थान एक्सपेडिशन-53 लेगा जो ब्रेस्निक के नेतृत्व में काम करेगा। तीन नए एस्ट्रोनॉट्स 12 सितंबर को आईएसएस के लिए रवाना होंगे।
कजाखस्तान में होगी लैंडिंग
अमेरिकी एस्ट्रोनॉट पेग्गी व्हिटसन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन(आईएसएस) में एक बार में रिकॉर्ड 288 दिन बिताकर धरती पर लौटने की तैयारी कर रही हैं। यह जानकारी नासा ने दी। एक्सपेडिशन-52 में उनके दो सहयोगी नासा के ही फ्लाइट इंजीनियर जैक फिशर और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमोस के कमांडर फ्योडोर यूर्चिखिन भी सोयुज एमएस-04 के साथ लौट रहे हैं। इनकी कजाखस्तान में लैंडिंग कराई जाएगी।
तय की 19.66 किमी की दूरी
यूर्चिखिन ने शुक्रवार को आइएसएस की कमान नासा के रैंडी ब्रेस्निक को सौंप दी थी। व्हिटसन ने नवंबर, 2016 में मिशन की शुरुआत की थी। लंबी अवधि के दौरान उन्होंने 19.66 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की और पृथ्वी की कक्षा का 4,623 बार चक्कर लगाया। वह अपने कॅरियर में 665 दिन(तीन मिशन को मिलाकर) यूनिवर्स में बिता चुकी हैं।
कई नमूने भी लेकर आ रही
वह अपने साथ यूनिवर्स से कई नमूने भी लेकर आ रही हैं। यूर्चिखिन और फिशर ने अपनी यात्रा इस साल अप्रैल में शुरू की थी। यह एस्ट्रोनॉट अब तक 673 दिन स्पेस में बिता चुके हैं। एक्सपेडिशन-52 मिशन का स्थान एक्सपेडिशन-53 लेगा जो ब्रेस्निक के नेतृत्व में काम करेगा। तीन नए एस्ट्रोनॉट्स 12 सितंबर को आईएसएस के लिए रवाना होंगे।