गणेश पूजन के बाद मूर्ति विसर्जन के लिए शकरपुर स्थित यमुना नदी पहुंचे दो लोगों के डूबने का मामला सामने आया है। फिलहाल राहत कार्य में लगी वोट क्लब की टीम दोनों लोगों की तलाश कर रही है।
रविवार को भी दिल्ली के दो अलग अलग इलाकों में पांच लोग डूब गए थे। इसमें से सिर्फ दो शव मिल पाए थे। जानकारी के अनुसार अंकुश परिवार सहित भोलानाथ नगर और कुणाल परिवार सहित कृष्णा नगर में रहता है। वे सोमवार शाम को अपने इलाके में स्थापित गणेश मूर्ति के विसर्जन के लिए शकरपुर इलाके में यमुना घाट पर आए हुए थे।
इसी दौरान वे दोनों गहरे पानी में उतर गए। चूंकि हाल के दिनों में हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इसलिए दोनों पानी के तेज बहाव में आकर गहने पानी में चले गए। दोनों को डूबता देखकर घाट पर मौजूद लोगों ने करीब 5:50 बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना मिली। चूंकि यमुना का पानी उस इलाके में दरियागंज थाने का है इसलिए मौके पर संबंधित पुलिसकर्मी पहुंच गए। साथ ही बचाव कार्य के लिए गोताखोरों की टीम जुट गई। लेकिन दोनों को ढूंढ़ा नहीं जा सका था।
इसके अलावा रविवार शाम को मुनक नहर में डूबे युवक की लाश अभी तक नहीं मिल पाई है। वहीं सोनिया विहार जीरो पुश्ता के पास डूबे दो युवक इशान और अशोक के शव नहीं मिले हैं। दोनों की तलाश के लिए गोताखोरों की टीमों ने ओखला तक अभियान भी चलाया था, लेकिन पानी का बहाव तेज होने के कारण सफलता नहीं मिली।
हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से दो दिन पहले छोड़ा गया 1.47 लाख क्यूसेक पानी सोमवार को दिन में दिल्ली पहुंच गया। पानी के दिल्ली पहुंचते ही यमुना का जलस्तर बढ़ गया। हालांकि, इतना अधिक पानी छोड़े जाने के बावजूद नदी का जलस्तर खतरे के निशान से महज दो सेंटीमीटर कम रहा। दोपहर करीब दो बजे जलस्तर 204.81 मीटर दर्ज किया गया, जबकि यमुना का डेंजर लेवल (खतरे का निशान) 204.83 मीटर है। देर शाम तक जलस्तर में गिरावट होने लगी और वह घटकर 204.79 मीटर हो गया। इस साल सोमवार को यमुना का जलस्तर सर्वाधिक दर्ज किया गया। पिछले महीने हथनीकुंड से 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे दिल्ली में यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार करते हुए 204.08 मीटर तक पहुंच गया था।
वहीं, अधिकारियों के मुताबिक जलस्तर बढ़ने से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। यदि जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाता है तो आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को नुकसान हो सकता था। लोगों को बचाने के लिए सीमावर्ती कॉलोनियों में बोट लगाई गई हैं। सोमवार को यमुना का जलस्तर सबसे अधिक दर्ज किया गया। यमुना खादर में खेती करने वाले किसान चैनी ने बताया कि यमुना के निचले हिस्से में लगी फसलों को नुकसान हुआ है।
यदि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाता तो बाटला हाऊस, जैतपुर और अलीपुर के आसपास विकसित अनधिकृत कॉलोनियों में पानी भर जाता। लेकिन जलस्तर के खतरे के निशान से कम होने के कारण कॉलोनीवासियों ने राहत की सांस ली।