मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के सभागार में आयोजित महर्षि वाल्मीकि सम्पूर्ण स्वच्छता मिशन के अंतर्गत पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश वर्ष 2019 तक सम्पूर्ण स्वच्छता के शत-प्रतिशत लक्ष्यों को हासिल कर लेगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वच्छता मानकों को अपनाने तथा खुले में शौच करने की पुरानी प्रथा को समाप्त करने के लिए तथा स्वच्छता चुनौतियों से निपटने के लिए ग्रामीण समुदायों को प्रेरित करने पर आधारित एक व्यापक कार्य योजना की शुरूआत की गई है। इस कार्य योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार ने वार्षिक प्रतिस्पर्धा के आधार पर खण्ड, जिला, मण्डल तथा राज्य स्तर पर चयनित सर्वाधिक स्वच्छ ग्राम पंचायतों को महर्षि वाल्मीकि सम्पूर्ण स्वच्छता पुरस्कार शुरू किए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वच्छता अपनाने तथा बेहतर शिशु लिंग दर के लिए पंचायतों को प्रशस्ति पत्र तथा 10 लाख रुपये के नगद पुरस्कार प्रदान किए। इसके अलावा पशुधन योजना, बालिका गौरव पुरस्कार, बेहतर स्वास्थ्य मानकों, मनरेगा तथा ठोस एवं तरल कचरा के बेहतर प्रबन्धन के लिए भी पुरस्कार वितरित किए गए।
पुरस्कार प्राप्त करने वाली पंचायतों में कुल्लू जिला की जिया, नगरोटा बगवां की बराणा, लम्बागांव की सारी, हमीरपुर जिला के भौरंज की हनोह, कांगड़ा के सुलह की क्यारवां, नालागढ़ की कृष्णपुरा, काजा की कौरिक, सोलन जिला के टॉप की बेड़, बंगाणा की जोल, काजा की सगनम, शिमला जिला के ननखड़ी की थैली चकटी, भोरंज की अमरोह, किन्नौर जिला के पुरबाणी, जुब्बल-कोटखाई की महासू तथा कांगड़ा जिला के रैत की परेई शामिल हैं।
आवारा पशुओं के प्रबन्धन के लिए पशुधन योजना के अन्तर्गत 129 पुरस्कार, महर्षि बालिका गौरव में 98, मनरेगा में 12 तथा बालिक गौरव पुरस्कार योजना के अन्तर्गत 15 पुरस्कार वितरित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेताओं को बधाई दी तथा अन्य पंचायतों को भी पुरस्कृत पंचायतों का अनुसरण करने का आहवान किया।
मुख्यमंत्री ने हमीरपुर जिला में विभिन्न निर्माणाधीन परियोजनाओं तथा योजनाओं की निगरानी एवं विश्लेषण के लिए ‘दर्पण’, डीएम-डेशबोर्ड एप्लीकेशन की शुरूआत की। एनआईसी द्वारा विकसित दर्पण कॉम्पलैक्स सरकारी डाटा दर्शाने के लिये एक सशक्त यंत्र है। यह एक उच्च विन्यास सेवा है, जहां वैब सेवाएं प्रयोग कर परियोजनाओं को एकीकृत किया जा सकता है।
वर्तमान में इस डेशबोर्ड के साथ 19 सेवाओं को एकीकृत किया गया है।
उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थानों की शासन में महत्वपूर्ण भूमिका हैं और पंचायतें देश के लोकतांत्रिक ढांचे की महत्वपूर्ण अंग हैं।
ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गण्मान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने पुरस्कारों के उद्देश्य पर भी प्रकाश डाला और हिमाचल को हरा-भरा व स्वच्छ बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों का भी ब्यौरा दिया।
ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा, मुख्य संसदीय सचिव इन्द्रदत्त लखनपाल, पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया, राज्य आपदा प्रबन्ध बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेन्द्र राणा, कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक अध्यक्ष जगदीश सिपहिया, भूतपूर्व सैनिक निगम के अध्यक्ष कर्नल बी.सी. लगवाल, एपीएमसी के अध्यक्ष प्रेम कौशल, जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष नरेश ठाकुर, राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रोमिला देवी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।