लखनऊ मेट्रो अपने सफर के पहले दिन ही तकनीकी खराबी आने की वजह से बीच में खड़ी हो गई. मेट्रो का उद्घाटन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ही किया था. गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल रामनाइक के साथ सफर का जायजा भी लिया था. अभी मेट्रो लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन तक चल रही है. लखनऊ मेट्रो के पास अभी छह ट्रेन हैं, जिनमें एक रिजर्व में है बाकी पांच चलाई जा रही हैं. इनमें से एक ट्रेन चारबाग स्टेशन से ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ वापस हो रही थी तो स्टेशन से करीब सवा किलोमीटर की दूरी पर अचानक बंद हो गई. पहले दिन मेट्रो में सफर कर रहे मुसाफिर इससे घबरा गए. करीब 1.30 घंटे मेट्रो खड़ी रही. उसके बाद इमरजेंसी गेट से सीढ़ी लगाकर मुसाफिरों को मेट्रो की पटरी पर उतारा गया. मेट्रो की पटरी से करीब 300 मीटर पैदल चलकर वो अगले स्टेशन दुर्गापुरी पहुंचे, जहां से दूसरी ट्रेन से उन्हें ट्रांसपोर्ट नगर भेजा गया. खराब मेट्रो को तकनीकी खराबी की जांच के लिए डिपो ले जाया जाएगा. फिलहाल मेट्रो की दो लाइनों में से एक चल रही है.
मेट्रो का उद्घाटन करने के अवसर पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में परियोजना के जल्द पूरा होने के पीछे रही टीम की सराहना करते हुए कहा कि मेट्रो से राज्य की राजधानी में यातायात की भीड़ घटेगी. इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि लखनऊ मेट्रो परियोजना के अन्य चरणों पर काम जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा. आदित्यनाथ ने परियोजना के लिए यूरोपीय निवेश बैंक से ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.
समाजवादी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने सोमवार को खुद ही लखनऊ मेट्रो के उद्घाटन का कार्यक्रम आयोजित किया था. उन्होंने मिठाइयां बांटीं और अखिलेश यादव को लखनऊ को यह उपहार देने का श्रेय दिया. इस कार्यक्रम में अखिलेश को आमंत्रित किया गया था. वहां कार्यक्रम में तो नहीं पहुंचे, लेकिन इस परियोजना के बारे में ट्विटर पर उन्होंने विचार व्यक्त किया, जिसकी शुरुआत उन्होंने की थी. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा, ‘इंजन तो पहले ही चल दिया था, डिब्बे तो पीछे आने ही थे.’ अखिलेश इतने पर भी नहीं रुके. उन्होंने राज्य सरकार को मेट्रो की जगह अन्य समस्याओं पर ध्यान देने की सलाह तक दे डाली.
कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने योगी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उद्घाटन में अखिलेश यादव को भी बुला लेते, जिन्होंने सचमुच में इसे बनाया है.
इस तरह मेट्रो का श्रेय लेने के लिए सपा और बीजेपी में होड़ दिखाई दी. हालांकि इस पूरे प्रोजेक्ट की असल नींव तो बसपा प्रमुख मायावती ने रखी थी. अपने कार्यकाल के दौरान मायावती ने 2011 में लखनऊ मेट्रो की एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजी थी. उसके बाद अखिलेश सरकार ने आगे आकर इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने का काम किया. 2013 में अखिलेश के कार्यकाल में शुरू हुआ मेट्रो प्रोजेक्ट 2017 में जाकर पूरा हुआ