गाजीपुर लैंडफिल साइट हादसे के बाद अब नॉर्थ एमसीडी भी हरकत में आ गई है. बुधवार को नॉर्थ दिल्ली की मेयर प्रीति अग्रवाल ने नरेला-बवाना वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का दौरा किया. इस दौरान मेयर ने अधिकारियों को भलस्वा लैंडफिल साइट पर कस से कम कूड़ा पहुंचे इसके निर्देश दिए ताकि गाजीपुर जैसे हादसे की भलस्वा लैंडफिल में पुनर्रावृत्ति ना देखने को मिले.
अधिकारियों ने उन्हें वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की तकनीक और काम करने के तरीके की जानकारी दी. इस दौरान मेयर ने अधिकारियों को प्लांट की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए. फिलहाल भलस्वा लैंडफिल साइट पर आने वाले 70 फीसदी कूड़े का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन मेयर ने इसकी क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया है. वह 90 फीसदी कूड़े को यहां खपाने और अधिक बिजली बनाने का जिक्र करती हैं. फिलहाल इस प्लांट में 1200 मीट्रिक टन कूड़े को प्रॉसेस कर 12 मेगावॉट बिजली बनाई जा रही है. इसके अलावा उन्होंने नॉर्थ एमसीडी के अधिकारियों से रिपोर्ट बनाने को कहा है कि जिससे ये पता लगाया जा सके कि क्या नरेला जोन का कूड़ा सीधे भलस्वा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट पर लाया जा सकता है या नहीं.
मेयर ने इस दौरान बताया कि जल्द ही वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता को बढ़ाकर 24 मेगावॉट किया जाएगा. जिससे 4000 मीट्रिक टन कूड़ा खपाया जा सके.यहां हम आपको बता दें कि भलस्वा लैंडफिल साइट को क्षमता से अधिक भरा जा चुका है. इसके आसपास बड़ी आबादी भी है. यदि गाजीपुर जैसा हादसा भलस्वा में हुआ तो नुकसान कहीं अधिक होगा. शुरुआत में इस लैंडफिल साइट की उंचाई 20 मीटर रखी गई थी. मगर लगातार कूड़ा डालने की वजह से इसकी ऊंचाई 45 मीटर तक पहुंच चुकी है. कांग्रेस ने इस लैंडफिल साइट पर कूड़ा डालना बंद करने को कहा है. ऐसा ना करने पर कांग्रेस इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी