प्रदेश में किसी तरह के बदलाव नहीं करने के शिंदे के बयान पर सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह उनकी अपनी निजी राय है। साथ ही उन्होंने सुखविंद्र सुक्खू को पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा-मैं तो पार्टी का आदमी हूं। जब मैं पीसीसी का अध्यक्ष था, तब सुक्खू प्राइमरी स्कूल में पढ़ता था। जब सीएम से पूछा कि क्या आप सुक्खू की अध्यक्षता में चुनाव लड़ेंगे?
उन्होंने कहा कि किसी और की अध्यक्षता में चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता पार्टी में हर व्यक्ति का अपना स्थान होता है। उनकी इस बात से तो साफ है कि वे सुक्खू को हटाने की अपनी जिद पर पूरी तरह से अडिग हैं। वे इसके लिए लगातार पार्टी हाईकमान पर दबाव भी बना रहे हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शाहपुर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा सारा जीवन जनता की सेवा प्रदेश के विकास के लिए ही समर्पित रहा है। मैंने कभी राजनीति नहीं की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव गंभीर मुद्दों और प्रदेश के चहुंमुखी विकास को सामने रखकर लड़ेगी।
कांग्रेसके प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे शुक्रवार को तीन दिवसीय दौरे पर कांगड़ा पहुंचे। उनके हिमाचल पहुंचते ही दिनभर पार्टी की अध्यक्षता को लेकर बयानबाजी चलती रही। एक सवाल पर पार्टी प्रभारी ने शिंदे ने कहा कि पार्टी में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। जो भी मनमुटाव हैं, उन्हें साथ बैठकर कोऑर्डिनेशन से सुलझा लिया जाएगा।
जल्द सीएम वीरभद्र से मिलकर सब ठीक कर लिया जाएगा। इसके बाद शिंदे चंबा रवाना हो गए। लेकिन उनके इस बयान से साफ है कि सुक्खू को हटाने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से की जा रही वीरभद्र सिंह की कसरत फिलहाल सिरे चढ़ती नहीं दिख रही है। इसके लिए वे दिल्ली तक गए थे। हालांकि अभी तक हाईकमान ने फाइनल नहीं किया है कि चुनाव किसकी अध्यक्षता में लड़े जाएंगे।
वीरभद्र ने साफ कर दिया है कि वे किसी और की अध्यक्षता में चुनाव नहीं लड़ेंगे। फिलहाल पार्टी का जो माहौल है, उसे देखकर साफ है कि जैसे-जैसे चुनाव पास आते जाएंगे पार्टी में सत्ता को लेकर लड़ाई बढ़ना तय है। वीरभद्र 2012 में इसी तरह का दबाव बनाकर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर को बदलवाने में सफल हो गए थे।