मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज जनजातीय जिला किन्नौर में 65 मैगावाट की महत्वकांक्षी जल विद्युत परियोजना काशंग के प्रथम चरण का लोकार्पण किया।
हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम सीमित द्वारा 195 मैगावाट (65 गुणा 3) एकीकृत काशंग परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 2009 में आरंभ किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से जल विद्युत सृजन क्षेत्र में एक और नया आयाम स्थापित हुआ है। इसके अलावा, यह परियोजना स्वच्छ विकास तंत्र के अन्तर्गत ‘हरित ऊर्जा परियोजना’ के रूप में पंजीकृत परियोजनाओं में शामिल है।
उन्होंने कहा कि इस 195 मैगावाट परियोजना के लिए ऊर्जा घर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में लम्बित कुछ विवादों के कारण वर्तमान में केवल 65 मैगावाट बिजली का ही उत्पादन किया जा रहा है और इन विवादों के शीघ्र समाधान की हम उम्मीद करते हैं।
मुख्यमंत्री ने हि.प्र. ऊर्जा निगम सीमित द्वारा परियोजना प्रभावित परिवारों के पुनर्वास तथा उन्हें राहत प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि परियोजना के पूरी तरह शुरू हो जाने पर इन परिवारों को हर महीने 100 यूनिट निःशुल्क बिजली प्रदान की जाएगी।
बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि राज्य सरकार वन प्रथागत अधिकारों के एवज में वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, और 510 प्रभावित परिवारों को कम से कम 500 दिनों की दिहाड़ी के रूप में 3.76 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत परियोजना लागत का 1.5 प्रतिशत अर्थात 7.06 करोड़ रुपये की राशि स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (लाडा) के पास जमा करवाई जा चुकी है और परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए स्वरोजगार योजनाएं भी आरम्भ की गई हैं।
हि.प्र. ऊर्जा निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री देवेश कुमार ने कहा कि लैंड लूजर्ज़ के पुनर्वास पर 90 लाख रुपये तथा 151 परियोजना प्रभावित परिवारों के मकानों में दरारें आने पर उन्हें मुआवजे के रूप में 105 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा हि.प्र. ऊर्जा निगम द्वारा अनेक सामुदायिक कल्याण कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं।
उपाध्यक्ष, हि.प्र. विधानसभा श्री जगत सिंह नेगी, पूर्व सांसद श्रीमती प्रतिभा सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।