Home राष्ट्रीय हिंसा और नफरत की राजनीति ठीक नहीं : राहुल गांधी…

हिंसा और नफरत की राजनीति ठीक नहीं : राहुल गांधी…

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बर्कले यूनिवर्सिटी में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि आज नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है. हिंसा का मतलब मुझसे बेहतर कौन जान सकता है. हिंसा में मैंने अपने पिता और दादी को खोया है.उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने मेरी दादी को गोली मारी, मैं उन लोगों के साथ बैडमिंटन खेलता था. मुझे पता है कि हिंसा से क्या नुकसान हो सकता है. जब आप अपने लोगों को खोते हैं, तो आपको गहरी चोट लगती है.’ कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में है, हालांकि यही एक ऐसी विचारधारा है जो मानवता को आगे ले जा सकती है.

नोटबंदी को लेकर भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई. नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है. राहुल ने साथ ही यह भी कहा कि वह पीएम पद का उम्मीदवार बनने को तैयार हैं. अगर पार्टी कहेगी तो जिम्मेदारी लूंगा. अगर पार्टी कहेगी तो वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने को तैयार हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 2012 में कांग्रेस पार्टी में घमंड आ गया था और पार्टी ने जनता से संवाद कम कर दिया, जिसके चलते लोगों से दूरी बन गई.

राहुल गांधी ने कहा कि मैंने, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम और जयराम रमेश ने मिलकर जम्मू-कश्मीर पर काम किया. 2013 में हमने मनमोहन सिंह को गले लगाकर कहा कि आपकी सबसे बड़ी सफलता कश्मीर में आतंकवाद को कम करना है. हमने कश्मीर पर बड़े-बड़े भाषण नहीं दिए, हमने वहां पर पंचायती राज और छोटे लेवल पर लोगों से बात की. लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में हिंसा चरम पर है. साल 2014 में कश्मीर में फिर सुरक्षाकर्मियों की जरूरत पड़ गई. कश्मीर में कई पार्टियां हैं. पीडीपी ने नए लोगों को राजनीति में लाने का काम किया, लेकिन बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद ये चीज बंद हुई. अब युवा आतंकियों के पास जा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को जगह दे दी और हिंसा बढ़ गई.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
  1. मैं पीएम पद का उम्मीदवार बनने को तैयार हूं. हमारी पार्टी में लोकतंत्र है और अगर पार्टी कहेगी तो मैं जिम्मेदारी लूंगा.
  2. कश्मीर मुद्दे पर राहुल ने कहा कि 9 साल तक मैंने मनमोहन सिंह, चिंदबरम, जयराम नरेश के साथ मिलकर कश्मीर पर काम किया. उस समय कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था. 2013 में मैंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को गले लगाकर कहा कि आपकी सबसे बड़ी सफलता कश्मीर में आतंकवाद को कम करना है. हमनें इस पर बड़े भाषण नहीं दिए, हमने वहां पर पंचायती राज पर काम किया, छोटे लेवल पर लोगों से बात की.
  3. मैं विपक्ष का नेता हूं, लेकिन पीएम मोदी मेरे भी पीएम हैं. वह मुझसे अच्छे वक्ता है, वह लोगों को मैसेज देना जाते हैं. लेकिन वह बीजेपी नेताओं की भी नहीं सुनते. स्वच्छ भारत एक अच्छा कदम है. मुझे भी पसंद है.
  4. संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई.
  5. आज नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है. हिंसा का मतलब मुझसे बेहतर कौन जान सकता है क्योंकि इसमें मैंने अपनी दादी और पिता को खोया है.
  6. जिन लोगों ने मेरी दादी को गोली मारी मैं उनके साथ बैडमिंटन खेलता था. जब आप अपनों को खोते हैं तो गहरी चोट लगती है.
  7. कांग्रेस बीजेपी और आरएसएस की तरह नहीं है, मेरा काम लोगों को सुनना है और फिर निर्णय लेना है, बीजेपी ने लोगों से बात करना बंद कर दिया.
  8. नरेगा और जीएसटी हमारा किया काम है जिस पर वर्तमान सरकार काम कर रही है.
  9. हम सीनियर और जूनियर लोगों के बीच ब्रिज बना रहे हैं. हम अपने सीनियर लोगों को एकदम से साइड नहीं कर सकते. 2012 में हमसे गलतियां हुईं और लोगों ने हमसे दूरी बना ली.
  10. हमने सूचना का अधिकार दिया, लेकिन मोदी सरकार ने इसे दबा दिया. अब सरकार में क्या हो रहा है, लोगों को नहीं पता.
  11. सांप्रदायिक ताकतें मजबूत हो रही हैं, उदारवादी पत्रकारों को गोली मार दी जा रही है…
  12. ध्रुवीकरण की राजनीति खतरनाक है.

 

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