एक तरफ तो योगी सरकार कर्ज माफी के ऐलान के बाद खुद अपनी पीठ ठोंक रही है. लेकिन दूसरी तरफ कई किसानों को कर्ज माफी के जो प्रमाणपत्र बांटे जा रहे हैं, वो किसी मजाक से कम नहीं है. कई किसानों को 10, 20, 50 या 100-200 रुपए की कर्जमाफी के सर्टिफिकेट दिए गए हैं.
किसान राम सेवक जिस पर एक लाख रुपये का कर्ज था, उन्हें सिर्फ 10 रुपये 37 पैसे के कर्जमाफी का प्रमाणपत्र मिला है. इटावा जिले के भर्थना तहसील के नगला भोली गांव के गरीब किसान जिलेदार सिंह ने बैंक से एक लाख रुपए कर्ज लिया था. गांव के लेखपाल ने कर्ज माफी का इन्हें सर्टिफिकेट तो दिया, लेकिन सिर्फ तीन रुपए का. ऐसे किसानों की लंबी फेहरिस्त है, जिन्हें 10, 20, 50 या 100-200 रुपए की कर्जमाफी के सर्टिफिकेट मिले हैं. किसानों को समझ नहीं आ रहा कि वो करें तो क्या करें और जाएं तो जाएं कहां.
पूरे सूबे से ऐसे मामले आ रहे हैं, जिसमें कर्जमाफी के सर्टिफिकेट को देखकर किसानों के होश उड़े हुए हैं. दिक्कत ये कि सरकार का एक मंत्री कह रहा है कि तकनीकी चूक है, तो दूसरा मंत्री कह रहा है कि सब ठीक है और जितने का सर्टिफिकेट मिला है, वो दरअसल वह रकम है, जो किसानों के कर्ज चुकाने के दौरान बाकी रह गई. इतना ही नहीं, जिलाधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.