जायका प्रोजेक्ट के तहत ऊना, हमीरपुर,बिलासपुर जिलों में लिफ्ट इरीगेशन स्कीमों के जरिए प्यासे खेतों तक पानी पहुंचाने का काम शुरू हो गया है। 57 स्कीमें बन कर तैयार हो गई हैं, इन पर 25 करोड़़ रुपए खर्च किए गए हैं।
तीनों जिलों के सैकड़ों किसान परिवारों को अपने खेतों में सिंचाई करके फसलें उगाने के लिए भरपूर पानी मिलेगा। जायका ने इन स्कीमों को कृषक विकास समितियों को हैंडओवर करने का काम शुरू कर दिया है, इनकी फाइनल फिजिकल टेस्टिंग भी हो चुकी है। जायका ने अभी तक जिन 57 स्कीमों को तैयार किया है, उनसे 700 किसान परिवारों को अपने खेतों में सिंचाई करने की सुविधा मिलेगी।
जब सभी 70 स्कीमें तैयार हो जाएंगी, तो इससे 1007 परिवारों को फायदा मिलेगा, जिससे 990 हेक्टेयर कृषि जमीन को सिंचित किया जाएगा, बाकी बचे हुए 300 परिवारों को दिसंबर तक यह सुविधा मिल जाएगी।
जापान की मदद से जायका प्रोजेक्ट वर्ष 2011 में आया था, लेकिन ये वर्ष 2013 में ही शुरू हो पाया था। जायका प्रोजेक्ट का मकसद उन सूखे खेतों तक पानी को सिंचाई के लिए पहुंचाना था, जो चेकडैम, तालाबों, खड्डों और नालों में उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें लिफ्ट करने का कोई भी सिस्टम नहीं था। स्कीमों को केवीए द्वारा चलाया जाएगा। किसान परंपरागत खेती से आर्थिक रूप से फायदा देने वाली फसलों जिनमें सब्जियों को शामिल किया गया है, को उगाने का काम इसमें आसानी से कर सकेंगे। इससे फसलों के लिए पानी की किल्लत काफी हद तक दूर होगी।
जायका प्रोजेक्ट के तहत अब तक 57 स्कीमें पूरी हो चुकी हैं और बाकी बची स्कीमें दिसंबर माह तक तैयार हो जाएंगी। सैकड़ों किसान परिवारों को इससे सिंचाई करने की सुविधा मिलेगी। इन स्कीमों को केवीए को हैंडओवर किया जा रहा है, वहीं इन्हें चलाएंगी। एनकेधीमान, जिला प्रोजेक्ट मैनेजर, जायका हमीरपुर।
जायका ने लिफ्ट इरीगेशन स्कीम को लेकर हमीरपुर जिला में 32 स्कीमें में तैयार करनी थी, जिनमें से 22 तैयार हो चुकी है। इस पर 14 करोड़ 20 लाख रुपए खर्चे हुए हैं। बाकी की बची 10 स्कीमों पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ऊना में 19 स्कीमें तैयार की जानी थी, इस पर 6.50 करोड़ रुपए खर्च होने हैं और 17 स्कीमें तैयार हो चुकी हंै। बिलासपुर में भी 19 में से 18 स्कीमें तैयार हो चुकी हैं। इन पर 11 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। बची हुई 13 स्कीमों को दिसंबर माह तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है, इन पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च होंगे।