Home हिमाचल प्रदेश तारादेवी माता के मंदिर में भंडारा करवाना है तो लंबा इंतजार करना...

तारादेवी माता के मंदिर में भंडारा करवाना है तो लंबा इंतजार करना पड़ेगा….

23
0
SHARE
आपकी मन्नत पूरी हो, नौकरी के बाद रिटायरमेंट हो या फिर बच्चे की नौकरी लग जाए तो लोग श्रद्धा भाव से मंदिरों में भंडारे करवाते हैं। लेकिन अगर आपकों तारादेवी माता के मंदिर में भंडारा करवाना है तो लंबा इंतजार करना पड़ेगा। यही नहीं, संकटमोचन मंदिर और ढींगू माता के मंदिर में भी मन्नत पूरी होने पर लंगर कराने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। संकट मोचन मंदिर में डेढ़ साल, ढींगू माता मंदिर में एक साल का इंतजार करना पड़ेगा। आपका इंतजार इससे भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि आपसे पहले कई लोगों की वेटिंग चल रही हैं।
तारा देवी मंदिर न्यास के पास अगर कोई रविवार को भंडरा करवाना चाहता है तो छह साल बाद जब उसकी बारी आएगी तो तीन महीने पहले उसे रिमाइंडर आएगा कि इस दिन भंडारा में बारी आएगी। भंडारे के दिन की डेट अलॉट होने के एक दिन पहले लोगों को यहां राशन छा़ेड़ना होगा। तारादेवी में इस नवरात्र उत्सव में जिन्होंने छह साल पहले बुकिंग करवाई है उनकी बारी इस बार आई है। मंदिर प्रबंधक अनिल शांडिल का कहना है कि जो भी यहां भंडारा देना चाहता है वह कार्यालय समय में सुबह दस बजे से पांच बजे आकर बुकिंग कर सकता है।
तारादेवी मंदिर में शिमला के रहने वाले बालकृष्ण शर्मा ने छह साल पहले बुकिंग की थी, 17 सितंबर को बारी आई है। वह बहुत खुश हंै कि उनका नंबर ही गया। 79 वर्षीय बालकृष्ण शर्मा सचिवालय से एसओ के पद से 1995 सेवानिवृत्त हुए है। उन्होंने कहा कि उनकी कोई मन्नत नहीं है पर उनकी पत्नी हिमाचली देवी की भगवान के प्रति आस्था थी वह हमेशा कभी हनुमान मंदिर शोघी, कभी चिंडी माता मंदिर करसोग, जहां भी मौका मिलता था भंडारा देती रहती थी। उन्हीं की प्रेरणा से मैं भी भंडारा देता रहते हूं। बालकृष्ण शर्मा के बेटे अरुण देव ने बताया कि उन्हें डेढ़ महीने पहले मंदिर प्रबंधन ने फोन पर सूचना दी कि आपका बुक किया भंडारा रविवार 17 सितंबर को रहा है।
संकटमोचनमें अगर कोई भी श्रद्धालु रविवार को भंडारा देना चाहता है तो उनकी बारी डेढ साल के बाद आती है। इसके अलावा अन्य दिनों में कोई भी श्रद्धालु भंडारा देना चाहता है तो वह सोमवार से लेकर शनिवार तक अपनी बुकिंग या करवा सकता है। इसके लिए तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा वहीं मंदिर में भंडारा देने के लिए मंदिर न्यास की ओर से श्रद्धालुओं को 15 दिन पहले फोन आएगा कि उनकी बारी तो उन्हें मंदिर की ओर से भंडारे के समान लाने के लिए लिस्ट दी जाती है। यहां समान लेकर देना होता है।
जाखूमें भंडारा देने वाले दानी सज्जनों की बात करें तो यहां पर साल में दो हनुमान जयंती आती है इसमें एक अप्रैल माह में यह परमानेंट बाजार के कारोबारियों के लिए बुक है, यहां इनका भंडारा बारी- बारी लगता है। वहीं दूसरी जयंती नवंबर में आती है यह सचिवालय के कर्मचारी संघ के लिए बुक है इनका भंडारा परमानेंट हर साल यहां लगता है। रविवार की बात करें तो बुकिंग करने के बाद चार महीने के बाद लोगों की बारी भंडारा देने के लिए आती है। कोई भी श्रद्धालु यहां मंगलवार को बुकिंग करता है तो उसका भंडारे के लिए आराम से बारी आती है ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता है।
ढींगुमंदिर में रविवार को भंडारा देने के लिए श्रद्धालुओं के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ता है। यहां लगभग एक साल के बाद भंडारा देने के लिए लोगों की बारी आती है। इसमें भंडारे से एक दिन पहले आकर लोगों को भंडारे का राशन देना होता है उसी हिसाब से भंडारा बनाया जाता है। जबकि अन्य दिन में कोई भी श्रद्धालु भंडारा देने की इच्छा रखता है तो आसानी से बारी जाती है। ढींगु मंदिर के प्रधान अश्वनी सूद का कहना है कि यहां पर सुबह दस बजे से शाम पांच बजे आकर अपने भंडारे की बुकिंग लोग करवा सकते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here