अक्षय कुमार की फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर सात ठग आयकर अधिकारी बनकर रविवार को दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर में एक व्यवसायी के घर छापा मारने पहुंचे, लेकिन लेनदेन को लेकर हुए विवाद में उनका भांडा फूट गया। लोगों ने धुनाई कर छह आरोपियों को पुलिस को सौंप दिया। मगर, एक आरोपी भाग निकला। जानकारी के अनुसार, मालवीय नगर के बी ब्लॉक में व्यवसायी दिनेश चंद्र आहूजा का चार मंजिला मकान है।
पहली मंजिल पर दिनेश चंद्र के पिता रहते हैं, जबकि ग्राउंड फ्लोर पर उनकी पत्नी वीणा, बेटा बॉबी और बेटी चंचल रहती हैं। परिवार का इलाके में इलेक्ट्रिकल सामानों का शोरूम है। सुबह करीब आठ बजे बॉबी शोरूम जा रहा था। इसी दौरान हरियाणा नंबर की सफारी सहित दो कारों में सवार सात लोगों ने रास्ते में बॉबी को रोक लिया। इन लोगों ने बॉबी को बताया कि वे आयकर विभाग के अधिकारी हैं और उसके घर पर छापा मारने आए हैं। इसके बाद पूरी टीम बॉबी को साथ लेकर व्यवसायी के घर पहुंच गई। इन लोगों ने परिवार के मांगने पर मितेश कुमार नाम के सहायक आयुक्त आयकर का पहचान पत्र उन्हें दिखा दिया। परिवार वालों के मोबाइल रख लिए घर में घुसने के बाद कथित आयकर टीम ने परिवार वालों के मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिए। किसी को फोन करने या रीसिव करने की इजाजत नहीं दी। टीम का नेतृत्व कर रहे एक युवक ने कहा कि परिवार पर दस करोड़ रुपये का कर बकाया है। उसने घर में पड़ी सारी नगदी और आभूषण सामने रखने के लिए कहा। इसके बाद वे मामले को रफा-दफा करने के लिए बात करने लगे। खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बता रहे युवक 25 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। लेकिन व्यापारी का परिवार सिर्फ 22 लाख दे रहा था। इसी पर विवाद हो रहा था। इन सबके बीच ढाई घंटे बीत गए।
इसी बीच घर के बाहर गाड़ियां खड़ी देखकर पड़ोस में रहने वाले संजीव राव को शंका हुई। वह आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी होने के साथ पुलिस मित्र योजना से भी जुड़े हुए हैं। वह आहूजा के घर में गए और फर्जी आयकर अधिकारियों से बात करनी शुरू की। फर्जी टीम ने 10 करोड़ कर बकाया होना बता कर 25 लाख रुपये की मांग की थी। इसे लेकर ही शक शुरू हुआ था। इस बीच उन्हें टीम पर शक हुआ। साथ ही फर्जी अधिकारियों की पीड़ित परिवार से झड़प होने लगी। इससे नाराज होकर परिवार ने अपने नौकरों को बुला लिया। घर के बाहर करीब सौ से अधिक लोग जमा हो गए। लोगों ने टीम को पकड़ लिया।
पीड़ित परिवार ने टीम को बंधक बना कर करीब 11 बजे पुलिस को सूचना दी। हालांकि, पकड़े जाता देख टीम का एक सदस्य कार सहित भागने में कामयाब हो गया। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया है। वहीं, सफारी कार में रखे 20 लाख रुपये भी जब्त कर लिए हैं। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि इनके खिलाफ धोखाधड़ी, अवैध तरीके से घर में घुसने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस की गिरफ्त में आए युवाओं की पहचान मितेश, नौनिहाल, गोविंद शर्मा, योगेंद्र और अमित अग्रवाल के रूप में हुई है। इसमें गोविंद और मिथिलेश के पास बीटेक की डिग्री है, जबकि योगेश और अमित ने एमबीए किया हुआ है। मितेश ने खुद को आईआरएस अधिकारी बताया था। इन्होंने फेसबुक पर मितेश नाम के आईआरएस अधिकारी का नाम देखकर फर्जी पहचान पत्र तैयार किया था। वहीं सातवां व्यक्ति परविंदर सफारी कार का चालक है। होंडा सिटी से भागने वाले युवक की पहचान कैलाश के रूप में हुई है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।