उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में बीजेपी सरकार के आज 6 महीने पूरे हो गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया था. उसके बाद बड़ी ही उम्मीदों से जनता ने उत्तर प्रदेश सरकार का स्वागत किया और मीडिया में भी यूपी के नए सीएम योगी आदित्यनाथ की हर बात की खबर बनने लगी. कुछ विश्लेषकों ने भी यहां तक भी कहना शुरू कर दिया था कि मीडिया अब मोदी से योगी की ओर शिफ्ट हो चुका है. लेकिन सत्ता संभालते ही योगी सरकार ने कुछ ऐसे फैसले ले लिए जिससे प्रशासन और जनता में उहापोह की स्थिति बन गई. फिलहाल 6 महीने आते-आते हालात सामान्य हैं. लेकिन इन 6 महीनों में योगी सरकार का कामकाज कैसा रहा और वह अपने वादे पर कितना खरी इसकी समीक्षा भी जरूरी है. इन 6 महीनों में कर्जमाफी, शहरों में 24 घंटे बिजली और एंटी रोमियो स्क्वॉड जैसे कई बड़े ऐलान किए गए. ऐसे ऐलानों की अब क्या हकीकत है इसकी एक रिपोर्ट :
अवैध बूचड़खानों पर लगाम : गोरक्षा को लेकर योगी सरकार ने आते ही अवैध बूचड़खानों पर ताले लटका दिए. इसको लेकर भी काफी उहापोह की स्थिति बन गई. इसकी चपेट में बड़े मीट व्यापारी तो आए ही, उनके साथ ऐसे भी लोगों पर असर पड़ा जिनकी रोजी-रोटी इससे चलते थी. हालांकि कई तरह की कंनफ्यूजन की स्थिति के बाद हालात संभाले गए . उधर केंद्र सरकार की ओर से गोरक्षा को लेकर लागू किए गए नए कानून के बाद से इसके कुछ निगेटिव परिणाम दिखाए दे रहे हैं. गांव के किसान जो बहुत ज्यादा संख्या में पशु पालने की स्थिति में उन्होंने अपने मवेशी छोड़ दिए हैं और वो खेत के खेत उजाड़ रहे हैं. जिससे किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है. योगी सरकार की ओर से अभी तक इस समस्या से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.
एंटी रोमियो स्क्वाएड : स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं पर कमेंट, छेड़खानी करने वालों के खिलाफ बड़े ही जोर-शोर से अभियान चलाया गया था. इसको लेकर भी पुलिस-प्रशासन में काफी कनफ्यूजन की स्थिति थी. इतना ही नहीं कई जगह तो पुलिसकर्मियों ने प्रेमी जोड़ों को परेशान करना शुरू कर दिया. हालांकि बाद में शासन की ओर से एक साफ किया गया कि अपनी इच्छा से अगर लड़का-लड़की कहीं घूम रहे हैं या पार्क में बैठें तो उन्हें परेशान न किया जाए. अब हकीकत यह है कि जितनी तेजी से एंटी रोमियो स्क्वाएड शुरू किया गया था, उसी तरह यह गायब भी हो गया है और महिलाओं और लड़कियों के साथ घटनाओं की खबरें आती रहती हैं.
कानून व्यवस्था : कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार तो पूरी तरह से फेल दिखाई दी. सरकार बनते ही अपराधों की बाढ़ सी आ गई और प्रशासन कुछ भी नहीं कर पा रहा था. सहारनपुर में हुआ दंगा इसका सबसे बड़ा उदाहरण रहा है. एक सवाल के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बताया कि 9 मई तक राज्य में कुल 729 हत्याएं, 803 बलात्कार, 60 डकैती, 799 लूट और 2682 अपहरण की घटनाएं हुईं. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि 20 मार्च से 14 सितंबर के बीच हुए 420 एनकाउंटर में पुलिस ने 15 बदमाशों को मार गिराया. 84 बदमाश घायल हुए. छह महीने में 1106 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया.
कर्ज माफी का मुद्दा:किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा बीजेपी के घोषणापत्र में था. इसको लेकर शुरू में योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई. दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कह दिया था कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य के किसानों के कर्ज माफी का वहन केंद्र सरकार वहन नहीं करेगी. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संसद में कह दिया कि यूपी सरकार बहुत जल्द ही इस पर फैसला लेने वाली है. इस पर भी काफी उहापोह की स्थिति रही. हालांकि इसी बीच योगी सरकार ने किसानों को कर्ज माफी का ऐलान कर दिया. 87 लाख लघु और सीमांत किसानों को फायदा मिला. लेकिन इस पर विवाद शुरू हो गया क्योंकि जिन किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है उनको एक सर्टिफिकेट भी दिया गया जिसमें महज 9 पैसे, 18 पैसे, 20 रुपये जैसी छोटी रकम माफ किए गए हैं. विपक्ष ने इसको किसानों के साथ मजाक बताया है.
बिजली का मुद्दा साबित हुआ शिगूफा:योगी सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर 24 घंटे बिजली देने का समझौता किया. जिसमें तय किया गया कि जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसीलों में 20 घंटे और गांवों को 18 घंटे बिजली दी जाएगी. लेकिन पूरा प्रदेश बिजली की कटौती से परेशान है. विद्युत विभाग के अधिकारी जनता का फोन नहीं उठाते हैं. कई जगहों पर यह भी जवाब मिला है ‘बिजली सीएम योगी आदित्यनाथ से मांगो’. भीषण गर्मी से परेशान लोग बिजली न मिलने की बात पर कुछ लोग यह कहकर खुद को दिलासा दिलाने की कोशिश कर रहे हैें कि सितंबर के महीने में इतनी गर्मी इसलिए पड़ रही है कि क्योंकि उत्तर कोरिया के तानाशाह ने कोई मिसाइल छोड़ी है जिसका असर दिखाई दे रहा है.