मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज सोलन जिला के परवाणु में इंटीग्रेटेड हाउसिंग एवं झुग्गी विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए निर्मित किए गए फ्लैटों की चाबियां वितरित की। फ्लैटों के निर्माण पर 15 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झुग्गी निवासियों के स्थाई जीवन के लिए उनका पुनर्वास करना आवश्यक है। जैसा की परवाणु, हिमाचल के लिए प्रवेश द्वार है, इसलिये शहर को आंगतुकों के लिये एक स्वच्छ छवि देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि शहरी क्षेत्रों में बेहतर सम्भावनाएं तलाशने के लिए प्रवासियों ने आमतौर पर अपने गांवों का त्याग कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन बस्तियों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है और इन लोगों का भूमि अथवा संपति पर कोई दावा नहीं है।
भारतीय शहरों के विस्तार से मलिन बस्तियों को खाली करना तथा इनके विध्वंस में वृद्धि हुई है और समार्ट शहर मिशन कार्यक्रमों के अन्तर्गत इनके संवारने का कार्य किया जा रहा है, जिसका लक्ष्य जीवन स्तर में सुधार के लिये केन्द्रों का सृजन करना है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए झोंपड़ी-विसयों के लिए आवास की सुवधिओं के सृजन की पहल एक सराहनीय कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक सड़कों के लिए एक करोड़ रुपये की राशि जल्द ही हस्तांतरित की जाएगी।
उन्हांंने फहड़ी वालों (स्ट्रीट वेन्डर्ज) के लिए 200 बूथों (कियोस्क) की भी आधारशिला रखी जिसके निर्माण पर 6.30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने 88 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले हिमुडा के दो वाणिज्यिक परिसरों की भी आधारशिला रखी।