एक तरफ जहां भारत दुनियाभर में पाकिस्तान के आतंकवाद का चेहरा बेनकाब कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की है.
पीडीपी चीफ और बीजेपी के साथ कश्मीर की गठबंधन सरकार चला रहीं महबूबा ने ये भी कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने शांति बहाली की कोशिश की है. यहां तक कि वो पाकिस्तान भी गए हैं. मगर, बदकिस्मती रही उसके बाद आतंकी हमले हुए और सबकुछ रुक गया’. महबूबा मुफ्ती ने कहा है, ‘भारत को उदारता दिखानी चाहिए और पाकिस्तान से बात करनी चाहिए’. इतना ही नहीं उन्होंने बातचीत के लिए भारत को पहल करने के लिए कहा. महबूबा ने साफ तौर कहा कि भारत को शांति के लिए पाकिस्तान की तरफ हाथ बढ़ाना चाहिए.
महबूबा मुफ्ती भले ही पाकिस्तान से बातचीत की मांग कर रही हों, मगर केंद्रीय गृहमंत्री की राय इससे बिल्कुल अलग है. इसी हफ्ते गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ तौर पर कहा था कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद को नहीं रोकता, तब तक कोई बातचीत करना व्यर्थ है. संयुक्त राष्ट्र में भारत ने सोमवार को ही पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय आतंक का चेहरा बताया था. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 36वें सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को अपनी आतंक की फैक्ट्री बंद करने की चेतावनी के साथ कहा था कि वह आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे.
मोदी सरकार की तरफ से हमेशा कहा गया है कि जब तक सीमा पार से भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में भूमिका निभाता रहेगा, तब तक दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करना और बातचीत करना मुमकिन नहीं है.