हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल का प्रत्येक उम्मीदवार अपने विधानसभा क्षेत्र में तय 28 लाख रुपये की सीमा से ऊपर खर्च नहीं कर सकेगा। ये निर्देश राज्य निर्वाचन विभाग ने जारी किए हैं। इसकी जानकारी रखने को एक एजेंट नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है।
प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत की अध्यक्षता विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई। इसमें विधानसभा चुनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को 15 सितंबर 2017 को अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूचियों की फोटो रहित डीवीडी भी प्रदान की गई।
बैठक में कांग्रेस, भाजपा, बहुजन समाज पार्टी तथा सीपीआई पार्टियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इन प्रतिनिधियों को मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने कहा कि निर्वाचन विभाग की ओर से छूटे हुए पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूचियों में शामिल करने के लिए 16 सितंबर से विशेष अभियान चलाया गया है।
जो 30 सितंबर 2017 तक जारी रहेगा। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से आग्रह किया कि वह छूटे हुए पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए पात्र नागरिकों को प्रेरित करें, ताकिचुनावों के लिए मतदाता सूचियां समय पर तैयार की जा सकें। राजपूत ने कहा कि मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से ऑनलाइन सुविधा प्रदान की गई है। पात्र नागरिक इस सुविधा का लाभ उठाकर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि छूटे हुए पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए बूथ स्तर के अधिकारियों को घर-घर जाकर नाम दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
राजपूत ने कहा कि निर्वाचन से संबंधित विभिन्न जानकारियां देने के लिए एसएमएस सेवा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं के मोबाइल नंबर विभाग के पास उपलब्ध हैं, उन्हें समय-समय पर निर्वाचन संबंधी जानकारी भेजी जा रही है। बैठक में उपस्थित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अवगत करवाया गया कि नामांकन भरते समय निर्वाचन से संबंधित व्यय के लिए अलग से खाता खोला जाए।
24 सितंबर को भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त अचल कुमार ज्योति हिमाचल आ सकते हैं। 25 सितंबर को वे तमाम जिला निर्वाचन अधिकारी यानी डीसी और 26 सितंबर को एक अन्य बैठक लेंगे।