भोपाल.हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में नीट 2017 के तहत प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में अंतिम मॉप-अप राउंड की करीब 94 एमबीबीएस की सीटों के आवंटन में घालमेल करने का आरोप लगाया गया है।
आरोप है कि आखिरी कुछ घंटों में ये सीटें अपात्रों को 25 से 80 लाख रुपयों में बेच दी गईं। मामले पर गुरुवार को सुनवाई के बाद जस्टिस आरएस झा और जस्टिस नंदिता दुबे की खंडपीठ ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव, डीएमई, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर, एलएन मेडिकल कॉलेज भोपाल, अमलतास मेडिकल कॉलेज देवास, चिरायु और आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज भोपाल के डीन को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने सभी को 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
इन सीटों के आवंटन के लिए अलग-अलग शहरों में दलाल सक्रिय थे, जिनके माध्यम से सीटें बेच दी गईं। जिन उम्मीदवारों को सीटें आवंटित की गईं, उन्हें याचिकाकर्ताओं से बहुत कम अंक मिले हैं और उनमें से कुछ प्रदेश के बाहर के हैं। मॉपअप राउंड के लिए एलएन मेडिकल कॉलेज के पास 23, आरकेडीएफ के पास 24, अमलतास के पास 18, इंडेक्स के पास 18 सीटें थीं
पृथ्वी नायक, शुभम तिवारी, वत्सला शुक्ला सहित 11 उम्मीदवारों ने याचिका दायर कर बताया कि 9 एवं 10 सितंबर को लेफ्ट आउट राउंड की 100 और मॉप-अप राउंड की 94 सीटों के लिए काउंसलिंग हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया कि 94 सीटों पर एडमिशन के लिए 10 सितंबर को शाम 7 बजे ऑनलाइन सूची जारी की गई। एडमिशन के लिए उम्मीदवारों को संबंधित कॉलेजों में 12 बजे के पहले पहुंचना था। इतने कम समय में पहुंचना नामुमकिन था। उन्होंने बताया कि कॉलेजों को छूट थी कि यदि चयनित उम्मीदवार रात 11 बजकर 59 मिनट तक नहीं पहुंचे तो जो उपलब्ध हों उन्हें आवंटित कर दी जाए।