इस बार शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन यानि शनिवार को सिंह राशि में तीन ग्रह एक साथ आएंगे। ज्योतिषाचार्य की मानें तो यह स्थिति नवरात्र में 54 वर्ष बाद बन रही है। उधर तंत्रशास्त्री दावा कर रहे हैं कि चार दिन तक पर्वकाल में बने आयुष्मान योग में लोगों को सिर्फ एक छोटी सी धातु बड़ा लाभ दे सकती है। नवरात्र के दौरान ग्रहों और नक्षत्रों के मिले संयोग से भक्त अपने घर पर ही माता का खजाना बना सकते हैं।
इस तरह से बना संयोग
ज्योतिषाचार्य पं. कमल शास्त्री ने बताया कि शनिवार को बुध, मंगल व शुक्र ग्रह सिंह राशि में एक साथ आएंगे। ग्रहों का यह संयोग चार दिन तक रहेगा। इसके अलावा 23 सितंबर को ही सूर्य ग्रह उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में विचरण करेंगे। उधर गुरु ग्रह तुला राशि में शनि ग्रह वृश्चिक राशि में, केतु ग्रह मकर में व राहू ग्रह कर्क राशि में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा तुला राशि में चन्द्रमा व कन्या राशि में सूर्य ग्रह मौजूद रहेंगे। इन तरह की युति से आयुष्मान योग बन रहा है। यह योग नवरात्र में 27 सितंबर को दोपहर में 2:32 बजे तक रहेगी।
माता का वाहन कर रहा है सहयोग
तंत्रशास्त्री ग्रहों के बने इस संयोग में सिंह यानि शेर को विशेष मान रहे हैं। उनका मानना है कि सिंह राशि में तीन ग्रह और मां दुर्गा के वाहन सिंह को मंगल कारक तांबे की धातु से धन को घर में आसानी से रोका जा सकता है। देवी पुराण के अनुसार इन चार दिनों में तांबं की धातु के साथ किया गया यह उपाय अचूक साबित होता है।
ऊर्जा को समाहित करता है तांबा
ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि तांबा धातु अत्याधिक शुद्ध होने के साथ ही इसे ज्योतिष में मंगल का कारक माना गया है। तांबे की कला होती है कि वे नवरात्र के दिनों कलश व पूजन से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा को खुद में समाहित कर लेता है।
ऐसे बनाएं माता का खजाना व करें पूजन
नवरात्र के तीसरे दिन सुबह तांबे के एक छोटे से टुकड़े को दूध, दही, शहद व जल से अभिषेक कर लें। इसके बाद इस टुकड़े को जल अक्षत, पुष्प रोली के साथ कलश व दुर्गा प्रतिमा के दाहिनी ओर स्थापित कर ले। अब इसे पीले कपड़े में तीन गांठ लगाकर ब्रह्मा, विष्णु व महेश के नाम लगातार तीन दिन तक लगातार सुबह व शाम के समय आरती कर इसका पूजन करें। इसके बाद इस धतु के टुकड़े को धनकक्ष में स्थापित कर दे। इस तांबे की धातु को पीले कपड़े में कपूर के साथ घर के धन कक्ष से रखने से धन घर में रुकता है। मां लक्ष्मी प्रसन्न होती जाती है।