आज नवरात्र का दूसरा दिन है। आज मां दूर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अलग तरीके से की जाती है। कई बार ऐसा होता है कि भक्तों को पता नहीं होता है कि किस विधि से पूजा की जाती है। कई लोगों को ये भी नहीं पता होता कि मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए कौन सा भोग लगाया जाए। इसलिए आज हम आपको मां के दूसरे स्वरूप की पूजा करने की सही विधि और भोग के बारे में बताने रहे हैं…
पूजन विधि
मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति पूजा के स्थान पर स्थापित करें। उस पर फूल चढ़ाएं दीपक जलाएं और नैवेद्य अर्पण करें। इसके बाद मां दुर्गा की कहानी पढ़ें और नीचे लिखे इस मंत्र का 108 बार जप करें।
इस मंत्र का करें जाप
दधानां करपद्याभ्यामक्षमालाकमण्डल।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्माचारिण्यनुत्तमा।
इस विधि से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से कई कष्ट दूर हो जाते हैं और मनुष्य की उम्र लंबी होती है। अगर आपकी कुंडली में बुरे ग्रह स्थित हैं तो उनकी स्थिति सुधर जाती है। सारे दोष मिट जाते हैं और अंत में मनुष्य सारे सुख भोगकर स्वर्ग को प्राप्त होता है।
मां ब्रह्मचारिणी को पसंद है ये भोग
देवी मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है और इसलिए इनकी पूजा के दौरान इन्हीं फूलों को देवी मां के चरणों में अर्पित करें। चूंकि मां को चीनी और मिश्री काफी पसंद है इसलिए मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं। इस भोग से देवी ब्रह्मचारिणी प्रसन्न हो जाएंगी। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।