Home राष्ट्रीय PM मोदी ने वाराणसी में बुनकरों की सभा को संबोधित किया…

PM मोदी ने वाराणसी में बुनकरों की सभा को संबोधित किया…

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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिनों के दौरे पर हैं. इस दौरान वह कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करेंगे. साथ ही पीएम कई सभाएं भी करेंगे. प्रधानमंत्री ने जुलाहों और हथकरघा उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए दीनदयाल हस्‍तकला संकुल ट्रेड सेंटर के दूसरे चरण की शुरुआत करने के साथ ही एक सभा को भी संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कई अहम बातें कहीं. पीएम मोदी ने टैक्सी ड्राइवरों से आग्रह किया है कि वह आने वाले टूरिस्टों का भारत के सामर्थ्य से परिचय कराएं. विदेशी टूरिस्ट आएगा तो यहां से कुछ न कुछ लेकर जाएगा. यह म्यूजियम काशी के टूरिज्म को बढ़ावा देगा. जो यहां आएंगे वहा काशी के सामर्थ्य को जानेंगे. काशी के कला कौशल को बल मिलेगा. आर्थिक गतिविधि का यह केंद्र बनेगा.

बनारस में पीएम ने कहा कि दुनिया भारत की विशेषताओं के प्रति आकर्षित हो रही है. 300 करोड़ रुपये की बनी यह इमारत भारत के समार्थ्य का परिचय कराने वाली इमारत है. यहां के शिल्पकारों के सामर्थ्य का परिचय कराती है. जो यहां आएंगे वहा काशी के सामर्थ्य को जानेंगे. काशी के कला कौशल को बल मिलेगा. आर्थिक गतिविधि का यह केंद्र बनेगा. पीएम ने कहा कि हर समस्या का समाधान विकास में है. पहले ऐसी सरकारें आ कर गईं जिन्हें विकास से नफरत थी. उनके लिए सरकारी तिजोरी चुनाव जीतने  के कार्यक्रम में तबाह हो जाती थी. हमारी कोशिश है कि विकास की वो बातें साकार हो ताकि जिनकी बातें हुई हैं. गरीबों की जिंदगी बदले, उन्हें रोजगार मिले.

उन्होंने कहा कि कोई भी गरीब अपने बच्चे को गरीबी की जिंदगी नहीं देना चाहता. पीएम ने  कहा कि मैंने गरीबी देखी है, मैं नहीं चाहता देश की आने वाली पीढ़ी गरीबी देखे. कोई गरीब अपनी संतानों को विरासत में गरीबी नहीं देना चाहता है. वह सम्मान के साथ जिंदगी देना चाहते है. हर गरीब का सपना है. भारत सरकार का भी देश की भावी पीढ़ी के लिए ऐसा ही सोचती है. पीएम मोदी ने कहा कि काशी में जलतप वाहिनी का भी उद्घाटन हुआ है. इससे लोगों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि काशी की ट्रैफिक की समस्या दूर करने के लिए जलमार्ग का उपयोग करना चाहिए. इसे आर्थिक विकास से जोड़ा जा सकता है.

पीएम ने कहा कि दो जगहों से चुने जाने के बाद मैंने काशी के विकास को चुना. वहां पर मेरे अन्य साथी हैं. आज वडोदरा और काशी को जोड़ा जा रहा है. गुजरात में से टेक्सटाइल चलता हुआ बनारस आया था. आज फिर से वडोदरा जो कि एक विद्या का धाम है, संस्कृति की नगरी है काशी से जुड़ रही है.

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