मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के व्यापारिक विस्तार और भोपाल एवं इन्दौर से विदेश जाने वाले यात्रियों की बड़ी संख्या को देखते हुये दोनों विमान तलों को अंतर्राष्ट्रीय विमान तल का दर्जा मिलना चाहिये। इसके लिये केंद्र सरकार से चर्चा की जाएगी। वे आज यहां राजाभोज विमानतल पर 100 फीट ऊँचे स्मारकीय ध्वज स्तंभ पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
विमानतल पर बीस फीट लंबे और 30 फीट चौड़े आकार का यह राष्ट्रीय ध्वज 24 घंटों लहराएगा। इसको प्रदीप्त रखने के लिये पॉवर बैकअप की व्यवस्था की गई है। ध्वज स्तंभ का रख-रखाव भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण करेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार इसकी स्थापना की गयी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ध्वजारोहण समारोह में कहा कि प्रदेश के व्यापारिक और औद्योगिक विस्तार को देखते हुये अच्छी वायु सेवा होना चाहिये। राज्य सरकार इसके लिये पूरा सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि तिरंगा भारत की शान है, राष्ट्र का गौरव है। तिरंगे के लिये कई देश भक्तों ने अपना बलिदान दिया है। यह हर पल राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र का शिलान्यास भी किया। यह सयंत्र अगले तीन महीनों में पूरा हो जाएगा। यह भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम का संयुक्त प्रयास है। इस संयंत्र से हर साल लगभग 12 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इससे भोपाल हवाई अड्डे के बिजली बिल में प्रति वर्ष लगभग एक करोड़ रूपये की बचत होगी। परियोजना की कुल लागत पाँच वर्ष से भी कम समय में वसूल हो जाएगी।
मुख्यमंत्री को विमान प्राधिकरण की ओर से स्मृति चिन्ह भेट किया गया। विमानपत्तन के निदेशक फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्री आकाशदीप माथुर ने अतिथियों का स्वागत किया। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष डा. गुरूप्रसाद महापात्र ने मुख्यमंत्री को बताया कि जल्दी ही भोपाल से कुछ नई उड़ाने शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इस अवसर पर विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, मध्यप्रदेश उर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री विजेंद्र सिंह सिसोदिया एवं विमानतल के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।