निगम के पार्षद भी विधायक और सांसदों की तरह अपने वार्ड में क्षेत्र विकास के लिए स्पेशल निधि का प्रयोग कर सकेंगे। इसके लिए निगम प्रशासन ने गाइडलाइन तैयार की है। इन गाइडलाइन के तहत पार्षदों को 25 लाख रुपए की राशि पार्षद क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत स्वीकृत किए जाएंगे। निगम की ओर से पहली बार पार्षदों के लिए इस निधि का प्रावधान किए जाने की गाइडलाइन तैयार किया गया है।
देश में निधि की सुविधा सांसदों आैर विधायकों को ही है। सांसद निधि से लेकर विधायक निधि से जन प्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए काम करवाने की घोषणा करते हैं। इसमें लाखों रुपए तक के काम हो जाते हैं, लेकिन नगर निगम के पार्षदों के पास यह सुविधा नहीं थी, लेकिन अब इस प्रस्ताव के तैयार होने के बाद उम्मीद है कि शहर के विकास के लिए पार्षद अपने स्तर पर पार्षद नीधि से पैसा देने की घोषणाएं कर सकेंगे। इस गाइडलाइन को मंजूरी के लिए निगम के सदन में लाया जाएगा। इससे पहले निगम के पार्षदों की ओर से पार्षद निधि को शुरू करने को लेकर सदन में मामला लाया गया था और पार्षदों ने मांग पर प्रशासन ने गाइडलाइन होने का हवाला दिया था। इसके चलते अब प्रशासन ने गाइडलाइन को तैयार किया है ताकि इस योजना को सिरे चढ़ाया जा सके। मेयर कुसुम सदरेट का कहना है कि पार्षदों की मांगों को ध्यान में रखते हुए पार्षद क्षेत्र विकास निधि योजना के क्रियान्वयन के लिए गाइडलाइन तैयार की गई है।
14वें वित्तायोग की सिफारिशों के मुताबिक जिला परिषद आैर बीडीसी सदस्यों को इस काम के लिए बजट नहीं मिलता है। वह पहले की तरह अपने स्तर पर कार्यक्रमों में राशि देने की घोषणा नहीं कर पा रहे थे। इसको लेकर राज्य के जिला परिषद आैर बीडीसी सदस्यों ने सीएम से लेकर पंचायती राज मंत्री तक मामले को उठाया, लेकिन राहत के नाम पर कुछ हासिल नहीं हुआ है। अब राज्य सरकार ने पिछले महीनों में इन्हें कुछ अधिकार दे दिए हंै, जो पहले से कुछ कम ही हैं।