पिछले साल मुंबई के एक अस्पताल में सर्जरी के जरिए 300 किलो तक वजन कम कर चुकी ईरान की ईमान अहमद की 25 सितंबर को तड़के मौत हो गई। वह अबु धबी के एक अस्पताल में भर्ती थीं और उनका इलाज चल रहा था। ईमान ने एक सप्ताह पहले ही अपना 37वां जन्मदिन मनाया था।
बुर्जील अस्पताल के डॉक्टरों ने सोमवार को ईमान की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि उसके कई अंग काम करना बंद कर चुके थे। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट की प्रॉब्लेम थी और किडनी भी ठीक से काम नहीं कर रही थीं, यही कारण है कि इमान अहमद की मौत हो गई।
ईमान अहमद को 20 डॉक्टरों की एक टीम लगातार देख रही थी। अस्पताल ने ईमान की मौत पर उनके परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है।
मोटापे की समस्या से परेशान ईमान मिश्र के एलेक्जेंड्रिया की रहने वाली थीं। उन्हें पिछले साल मुंबई के सैफी हॉस्पिटल लाया गया था जहां उनका तीन महीने तक इलाज भी हुआ था। इसके बाद यहां के डॉक्टरों ने उसे अबू धबी भेज दिया था।
खबर है कि जब वह मुंबई के अस्पताल में पहुंची थीं तो उनका वजन 504 किलो था और तीन महीने के इलाज में उनका वजन करीब 300 किलो कम हो गया था। इस दरम्यान डॉक्टरों ने इमान का एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें बताया गया था कि इमान आशा से तीन गुना ज्यादा तेजी से ठीक हो रही हैं।
अस्पताल के डॉक्टरों ने दावा कि किया था कि इलाज के बाद ईमान खुद से खाना खा लेती हैं। और इलेक्ट्रिक व्हील चेयर से चल भी लेती हैं।
हालांकि, इसके बाद इमाम की बहन शाइमा सेलीम ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि मरीज का वजन ठीक तरीके से कम नहीं किया गया और मुंबई के निजी स्वामित्व वाले अस्पताल ने उनकी हालत बिगाड़ दी।
शाइमा ने सैफी अस्पताल संस्थान के मिनिमल एक्सेस सर्जिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष, बेरिएट्रिक सर्जन मुफ्फजल लकड़ावाला पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उन्होंने फेसबुक वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से मरीज के स्वस्थ होने पर संदेह जताया था।